CAB 2019: विधायक का घर फूंका, नागरिकता बिल पर असम में हिंसा, दो की मौत

असम में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के खिलाफ प्रदर्शन थमता नहीं दिख रहा है। क‌र्फ्यू को नकारते हुए बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई जगहों पर पुलिस को गोली भी चलानी पड़ी। पुलिस की गोली से दो लोगों की मौत की भी खबर है। इस बीच सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह 15 दिसंबर को शिलांग में नॉर्थ ईस्टर्न पुलिस अकादमी का दौरा करने जाएंगे।

सीएबी यानी कैब को दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद से असम में हिंसा ने और जोर पकड़ लिया है। हालात संभालने के लिए सरकार ने कफ्र्यू का एलान किया था, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा। प्रदर्शनकारी सरकारी कार्यालयों, संस्थानों और रेलवे स्टेशनों को निशाना बना रहे हैं। डिब्रूगढ़ के एसपी गौतम बोरा ने स्थिति नियंत्रण में आने की बात कही है। हालांकि एक साथ कई जगहों पर हो रहे प्रदर्शन को संभालने के लिए उन्होंने चार से पांच हजार अतिरिक्त बल की जरूरत जताई है।

छात्र संगठन आसू के आह्वान पर गुवाहाटी में लाताशिल खेल मैदान में बड़ी तादाद में लोग जुटे। फिल्म एवं संगीत जगत की कई हस्तियां भी इसमें शामिल हुई। आसू का कहना है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने कैब को लाकर असम के लोगों को धोखा दिया है। हालात पर काबू पाने के लिए सरकार ने लखीमपुर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया समेत 10 जिलों में इंटरनेट पर 48 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।

विधायक का घर फूंका

डिब्रूगढ़ जिले में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के गृह क्षेत्र छाबुआ प्रदर्शनकारियों ने विधायक बिनोद हजारिका के घर पर आग लगा दी। वहां खड़ी गाडि़यों को भी आग के हवाले कर दिया गया। एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सर्किल ऑफिस को भी फूंक दिया। गुवाहाटी-शिलांग रोड पर क्रिश्चियन बस्ती क्षेत्र के निकट असम के पुलिस प्रमुख भास्कर ज्योति महंत के काफिले पर पत्थरबाजी भी हुई।

गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर हटाए गए

हालात काबू में लाने के उद्देश्य से सरकार ने कुछ पुलिस में प्रशासनिक बदलाव भी किए हैं। गुवाहाटी पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार को हटाकर उनके स्थान पर मुन्ना प्रसाद गुप्ता को जिम्मेदारी दी गई है। अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश अग्रवाल को कानून एवं व्यवस्था से हटाकर सीआइडी में भेज दिया गया है। उनकी जगह जीपी सिंह जिम्मेदारी संभालेंगे। कुछ अन्य अधिकारियों का भी तबादला किया गया है।

असम और मेघालय में इंटरनेट सेवा बंद

असम के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी कुमार संजय कृष्णा ने जानकारी दी कि असम के 10 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सर्विस को अगले 48 घंटों के लिए और बंद रखा गया है। वहीं मेघालय में भी इंटरनेट और एसएमएस सर्विस पर रोक लगा दी गई है। यह रोक अगले 48 घंटे तक लागू रहेगी। सरकार ने तनाव को लेकर फैल रही अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया है।

असम-त्रिपुरा में हिंसक आंदोलन से विमान और ट्रेन सेवाएं ठप

संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) पारित होने के खिलाफ असम और त्रिपुरा में चल रहे हिंसक आंदोलन के कारण गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, जोरहाट और अगरतला की ओर जाने वाली तमाम उड़ानें रद हो गई हैं। जबकि लंबी दूरी की ट्रेनों को सिर्फ गुवाहाटी तक चलाया जा रहा है। असम और त्रिपुरा के भीतर भी फिलहाल अनेक ट्रेन सेवाएं निलंबित हैं। विमान और ट्रेन सेवाएं बंद होने से हजारों यात्री दोनों राज्यों के एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर फंसे हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या में कामाख्या धाम के दर्शन को जाने वाले तीर्थयात्री शामिल हैं।गुरुवार को इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइस जेट, विस्तारा, गो एयर और एयर एशिया समेत सभी एयरलाइनों ने गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ समेत असम के विभिन्न शहरों से संबंधित उड़ानों को रद कर दिया।

इंडिगो के प्रवक्ता के अनुसार इंडिगो गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में फंसे यात्रियों को वापस लाने के लिए कम किराये पर राहत उड़ानें संचालित कर रही है। इंडिगो ने गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और जोरहाट की यात्रा करने वाले यात्रियों से 13 दिसंबर तक बुकिंग रद करने, तारीख बदलने का शुल्क नहीं लेने का एलान किया है। दूसरी ओर विस्तारा ने कहा है कि उसने सरकार की सलाह पर असम की अपनी उड़ानें रविवार 15 दिसंबर तक रद कर दी हैं। एयर इंडिया के प्रवक्ता के मुताबिक, सरकारी एयरलाइन केवल कोलकाता और डिब्रूगढ़ के बीच उड़ानों का संचालन कर रही है। गो एयर ने 13 दिसंबर तक गुवाहाटी से होने वाली उड़ानों के टिकट रद कराने या तारीख बदलवाने का कोई शुल्क नहीं लेने की घोषणा की है।

हर हाल में रखेंगे पूर्वोत्तर के हितों का ध्यान : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में जारी हिंसा रोकने की अपील की है। मोदी ने असम के लोगों को भरोसा दिलाया कि नागरिकता संशोधन विधेयक से उनके हितों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। पीएम ने कहा, ‘अपने सेवक पर भरोसा रखें। आपकी पहचान और संस्कृति का मान-सम्मान रखा जाएगा। सरकार पूरी तरह से असम समझौते की धारा-6 के अनुरूप ही असम के लोगों के संवैधानिक, राजनीतिक, भाषाई, सांस्कृतिक और भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।’

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की 

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक विडियो जारी कर राज्य के लोगों से अपील की है कि उन्हें नागरिकता संशोधन बिल को लेकर अपनी परंपरा, संस्कृति, भाषा, राजनीतिक और जमीनी अधिकारों को लेकर कतई भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि असम अकॉर्ड की धारा 6 के तहत उनके अधिकारों की रक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कुछ लोग प्रदेश के लोगों को गुमराह करने और स्थिति को बिगाड़ने के लिए भ्रामक बयान दे रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि रिटायर्ड जस्टिस बिप्लब सरमाह के नेतृत्व में एक कमिटी बनाई है। रिटायर्ड जस्टिस सरमाह को ही असम के लोगों के संवैधानिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सिफरिशें तैयार करने का काम दिया गया था।

राज्‍यपाल जगदीश मुखी ने भी की शांति अपील 

असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने भी प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वह प्रोटेस्ट के दौरान अनियंत्रित न हों और प्रदेश में शांति को बरकरार रखने में मदद करें। मुखी ने कहा कि सदन के पटल पर केंद्र सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि वे असम के हितों की रक्षा करेंगे। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश की संस्कृति, भाषा और क्लॉज 6 के तहत यहां के मूल नागरिकों के हितों की रक्षा का भी आश्वासन दिया है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*