मौसम अलर्ट: दिल्ली—एनसीआर में मानसून की एंट्री, कई जगह झमाझम बारिश के संकेत

दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए फिलहाल स्थितियां अनुकूल हैं। मानसून थोड़ा लेट है, लेकिन दक्षिण-पश्चिम मानसून थोड़ा लेट हुआ है, लेकिन जैसा कि उम्मीद जताई जा रही थी दिल्ली में मानसून की आज एंट्री हो गई। मौसम विभाग ने इसकी घोषणा कर दी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने फिलहाल किसी भी राज्य में भारी बारिश का अलर्ट नहीं दिया है, लेकिन मध्यम दर्जे की बारिश कई जगहों पर हो सकती है। आइए जानते हैं आगे कैसा रहने वाला है मौसम का मिजाज..

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, आजकल में उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम के कुछ हिस्सों, उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, दक्षिण गुजरात, तटीय महाराष्ट्र और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। बिहार(तस्वीर पटना की है), झारखंड, छत्तीसगढ़, लक्षद्वीप, तेलंगाना, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। जबकि पूर्वोत्तर भारत के बाकी हिस्सों, ओडिशा, छत्तीसगढ़ के शेष हिस्सों, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के शेष हिस्सों, आंतरिक कर्नाटक, पूर्वी राजस्थान, पूर्वी गुजरात के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। इन राज्यों में 30 जून तक बारिश की गतिविधियां काफी बढ़ने की उम्मीद जताई गई है। तटीय तमिलनाडु, रायलसीमा और जम्मू कश्मीर में हल्की बारिश संभव है।

पंजाब, हरियाणा में आज से 1 जुलाई के बीच मानसून पहुंचने की संभावना
दक्षिण पश्चिम मानसून के 30 जून से एक जुलाई के बीच पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ समेत कुछ हिस्सों में पहुंचने की संभावना है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हैं। इसके प्रभाव में 1 जुलाई के दौरान हरियाणा-चंडीगढ़ में और आज पंजाब में अलग-अलग भारी से बहुत भारी बारिश के साथ हल्की से मध्यम वर्षा और अलग-अलग गरज / बिजली गिरने की संभावना है। पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले पांच दिनों के दौरान हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव की संभावना नहीं है।

दिल्ली में बुधवार को उमस भरी गर्मी रही, हालांकि अब गरज के साथ बौछारें और रात में हल्की बारिश से कुछ राहत मिल सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि मानसून के राजधानी पहुंचने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। आईएमडी के सीनियर वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा कि गुरुवार को यहां मानसून के आगमन की घोषणा कर दी। पिछले साल आईएमडी ने भविष्यवाणी की थी कि मानसून अपनी सामान्य तारीख से लगभग दो सप्ताह पहले दिल्ली पहुंच जाएगा। हालांकि, यह 13 जुलाई को ही राजधानी पहुंचा, जिससे यह 19 वर्षों में सबसे अधिक देरी से आया। आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 62 सालों में मानसून ने जून में दिल्ली को 29 बार और जुलाई में 33 बार कवर किया। आईएमडी ने 2020 में दिल्ली में मानसून के आगमन की तारीख को 29 जून से बढ़ाकर 27 जून कर दिया था। मौसम विशेषज्ञों ने कहा है कि मानसून के पहले 10 दिनों में दिल्ली में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है और बारिश की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी।

स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, पश्चिम मध्य अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र एक्टिव है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से लेकर उत्तरपूर्वी राजस्थान, उत्तरी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ होते हुए ओडिशा तट तक फैली हुई है। एक ट्रफ रेखा उत्तरी महाराष्ट्र तट से उत्तरी केरल तट तक फैली हुई है।

बीते दिन सिक्किम, पूर्वी बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश,असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, तटीय कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और एक या लक्षद्वीप और विदर्भ के दो स्थानों पर हल्की बारिश हुई। वहीं, ओडिशा, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड, बिहार, गंगीय पश्चिम बंगाल और पश्चिम उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश हुई। पूर्वोत्तर भारत के बाकी हिस्सों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, महाराष्ट्र, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दक्षिणपूर्व राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।

उत्तराखंड में केदारनाथ मार्ग पर बुधवार को एक वाहन के भूस्खलन( landslide) की चपेट में आने से महाराष्ट्र की एक महिला की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। रुद्रप्रयाग डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि यह घटना रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोनप्रयाग के पास दोपहर करीब तीन बजे हुई।
उन्होंने बताया कि दुर्घटना के समय वाहन में 11 लोग सवार थे और वे केदारनाथ से लौट रहे थे। उत्तराखंड में बुधवार को बारिश हुई, जिससे राज्य में कई जगहों पर भूस्खलन हुआ।

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