क्या है फोन टैंपिंग केस: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के लिए बना सिर दर्द, मुंबई पुलिस करेगी पूछताछ

मुंबई। महाराष्ट्र में कथित फोन टैपिंग मामले में पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। इस मामले में मुंबई पुलिस की साइबर टीम ने आज फडणनवीस को पूछताछ के लिए बुलाया है। उन्हें सुबह 11 बजे पुलिस के सामने पहुंचना है। पुलिस के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, फडणवीस को सबसे पहले सीलबंद लिफाफों में प्रश्नावली भेजी गई थी, लेकिन उन्होंने उनका कोई जवाब नहीं दिया। जवाब दाखिल करने के लिए उन्हें दो बार नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने फिर भी कोई जवाब नहीं भेजा। जिसके बाद उन्हें थाने में हाजिर होने के लिए तीन पत्र भी भेजे गए और अब चौथी बार उन्हें नोटिस भेजकर बुलाया गया है।

वहीं, जब इसको लेकर देवेंद्र फडणवीस से सवाल पूछे गए तो उन्होंने बताया कि उन्हें पेशी का नोटिस मिला है और वह रविवार सुबह 11 बजे साइबर पुलिस थाने जाएंगे। हालांकि बाद में पूर्व सीएम ने ट्वीट करके बताया कि जॉइंट सीपी क्राइम ने मुझसे कहा कि मुझे रविवार को बीकेसी थाने जाने की जरूरत नहीं है। इसकी बजाए, वे केवल जरूरी जानकारी लेने आएंगे। मैं अपने आवास पर रहूंगा। मैंने रविवार के लिए पुणे के सारे कार्यक्रम रद्द कर दिये हैं। वे किसी भी समय आ सकते हैं। पूर्व सीएम ने इस नोटिस पर कहा कि मुझे इस बात का आश्चर्य है कि जो घोटालेबाज हैं और जिनकी आय से अधिक संपत्ति मामले में CBI जांच-पड़ताल कर रही है। अगर उनको सरकार सही समय पर पकड़ती और मामले को छह महीने दबाकर नहीं रखती तो शायद मुझे खुलासा करने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

दरअसल, पिछले साल मुंबई के बीकेसी साइबर पुलिस थाने में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ कथित तौर पर फोन टैपिंग करने और सीक्रेट दस्तावेज लीक करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। यह मामला राज्य के खुफिया विभाग (CID) की शिकायत पर दर्ज किया गया था। हालांकि, केस दर्ज होने से पहले प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने अपनी जांच रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला ने गोपनीय रिपोर्ट लीक की थी। जबकि शुक्ला पर CID प्रमुख रहते हुए राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों के फोन टैप कराने के भी आरोप लगे हैं।

बता दें कि पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस विभाग के तबादलों में कथित तौर पर भ्रष्टाचार को लेकर रश्मि शुक्ला की ओर से तत्कालीन DGP को लिखे गए एक पत्र का हवाला देने के बाद वह विवादों में घिर गई थीं। पत्र में कथित तौर पर टैप किए गए फोन कॉल का भी ब्योरा था, जिसे लेकर शिवसेना (Shiv sena) के नेतृत्व वाली सरकार के कई नेताओं ने रश्मि शुक्ला पर बिना अनुमति फोन टैपिंग के आरोप लगाए। फडणनवीस के इसी पत्र के बाद इस मामले में उनका नाम आया और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

 

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