रतन टाटा कंपनी को संभालने की जिम्मेदारी किसे मिलेगी, ये हैं दो प्रमुख दावेदार!

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नई दिल्ली। स्टील से लेकर सॉफ्टवेयर तक का बिजनेस करने वाले टाटा ग्रुप की इनवेस्टमेंट होल्डिंग कंपनी टाटा संस के बोर्ड में कुछ पोजिशन खाली हो रही हैं। इन्हें भरने के लिए सिटी इंडिया के पूर्व CEO प्रमित झावेरी और टाटा ग्रुप के नोएल टाटा प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि टाटा ग्रुप अगले कुछ सप्ताह में इस बारे में अंतिम फैसला कर सकता है।

बोर्ड में शामिल करने पर किया जा रहा विचार
टाटा संस की बोर्ड मेंबर फरीदा खम्बाटा का कार्यकाल जल्द समाप्त हो रहा है। सूत्रों ने कहा कि इसके बाद फरीदा को टाटा स्टील और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) दोनों के बोर्ड में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है. बोर्ड पोजिशंस को लेकर मनीकंट्रोल की ओर से भेजे गए प्रश्नों के ईमेल से दिए उत्तर में टाटा संस ने कहा, “हम इस बारे में कुछ नहीं कह सकते।

झावेरी (58 साल) करीबन नौ साल के लिए भारत में सिटी बैंक के पूर्व सीईओ पद पर कार्यरत रहें। उन्होंने 2019 में बैंक छोड़ दिया। झावेरी पिछले वर्ष की शुरुआत में टाटा ट्रस्ट्स में एक ट्रस्टी के तौर पर शामिल हुए थे। इससे पहले साल में, वह विप्रो के संस्थापक अध्यक्ष अजीम प्रेमजी परिवार की निवेश शाखा प्रेमजीइन्वेस्ट में भी शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि ट्रस्ट उन्हें टाटा संस के बोर्ड में अपना नॉमिनी बनाने पर विचार कर रहा है. टाटा संस के बोर्ड के कुछ मेंबर्स जल्द ही रिटायर होने वाले हैं। झावेरी को हाल ही में बुटीक इनवेस्टमेंट बैंक PJT Partners का सीनियर एडवाइजर नियुक्त किया गया था।

नोएल टाटा ट्रस्टी के तौर पर 2019 में जुड़े थे
रतन टाटा ट्रस्ट के साथ नोएल टाटा एक ट्रस्टी के तौर पर 2019 में जुड़े थे। सूत्रों ने कहा कि वह टाट संस के बोर्ड में डायरेक्टर के तौर पर शामिल किए जा सकते हैं। नोएल अभी ट्रेंट (वेस्टसाइड) और टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन के साथ ही टाटा इंटरनेशनल के मैनेजिंग डायरेक्टर और टाइटन कंपनी के वाइस चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

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