​कौन सुनेगा विकास बाजार के व्यवसायियों का दर्द

कब तक करते रहेंगे अश्वासनों पर भरोसा
—मरम्मत को है विप्रा अधिकारियों को हादसे का इंजार
मथुरा। मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण ने आज से 31 वर्ष पूर्व पुराने बस अड्डे के समीप पहला कामर्शियल भवन ‘विकास बाजार’ के नाम से बनाया गया था। अब विगत 8—10 वर्ष से इस बाजार की बिल्डिंग अपनी बदहाली पर आंसू बाह रहा है। इसकी मरम्मत के लिए कई बार यहां के दुकानदार प्रदर्शन, ज्ञापन मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकारण के वीसी, सचिव, जिलाधिकारी और मंडलायुक्त तक को दे चुके हैं। उसके बाद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। शायद विप्रा के अधिकारियों को इसकी मरम्मत और मूलभूत सुविधायें दिलाने की लिये किसी हादसे का इंतजार है।


शहर के बीचो बीच बस स्टेंड के समीप स्थित वि​कास बाजार का भवन अब पूरी तरह से जर्जर हालत में पहुंच चुका है। इसकी छत्तों का प्लास्टर पूरी तरह से उखड़ चुका है। इसकी दुकानों की छत्तें कभी भी गिर सकती हैं। यहां सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। बाजार के पार्किंग क्षेत्र भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ा हुआ है। साफ—सफाई की व्यवस्था यहां पूरी तरह से नदारत है। इससे पूरे बाजार के इर्द गिर्द कचरे का अंबार लगा रहता है। स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि इस बाजार में एक सौ से अधिक दुकान है। पुराने बस स्टेंड के समीप होने के कारण जरुरममंद लोग यहां आते रहते हैं। मगर बाजार की स्थिति काफी नारकीय बनी हुई है। बाजार में न तो शौचालय की सुविधा है और न पेयजल की सुविधा है। यहां आने लोगों को अगर शौच की जरुरत पड़ गई तो इधर उधर से भटकना पड़ता है। शुद्ध पीने का पानी भी नहीं है। इसके लिए पानी की खरीददारी करनी पड़ती है। पूरे बाजार में न तो साफ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित है और न सुरक्षा के नाम पर कुछ है। हर व्यवस्था दुकानदारों की ओर से अपनी होती है। बाजार में सिर्फ दुकान दे दिया गया है मगर सुविधा पूरी तरह से नदारद है। वर्षात के दिनों में कई दुकानों की छत से रिसने की समस्या है। बाजार में वर्षात होने पर जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने से पूरे परिसर में जहां तहां पानी जमा हो जाता है। स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि कम से कम साफ सफाई जो ज्यादा जरूरी है वह भी नहीं होता है। इससे पूरे बाजार के सामने वाले पार्क के समीप कचरा का ढ़ेर लगा रहता है। लोगों के आवाजाही में काफी परेशानी होती है। अगर समय रहते जर्जर स्थिति वाले भवन की दुकान, सीढि़यों की मरम्मत नहीं कराई गई, तो और भी नुकसान हो सकता है।
विकास बाजार व्यवसायी समिति के पदाधिकारी बृजवासी अग्रवाल ने बताया कि इमारत की मरम्मत होनी है। इस संदर्भ में विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से वार्ता हो गई है। उन्होंने सहयोग का भरोसा दिया गया लेकिन कार्यवाही नहीं हुई।
समिति के पदाधिकारी संजय का कहना है कि गैलरी, सीढि़यां, बरामदे और भवनों को जोड़ने वाली पुलिया जर्जर हैं। इन्हें मरम्मत की दरकार है। कुछ व्यवसायियों ने अपनी दुकानों की मरम्मत स्वयं करा ली है। विप्रा के अधिकारियों से उनको सिर्फ अश्वासन मिला।
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