पूजा में पान के पत्ते का क्यों करते हैं प्रयोग? जानें इसका महत्व

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पान का जिक्र स्कंद पुराण में किया गया है। जिसके अनुसार समुद्र मंथन के समय पान के पत्ते का प्रयोग किया गया था। इसके पत्ते में विभिन्न देवी-देवताओं का वास माना जाता है। इसीलिए पूजा में इसका प्रयोग किया जाता है।

हिंदू धर्म में पान के पत्ते का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। पान को शुभ कार्य और पूजा में इस्तेमाल किया जाता है। संस्कृत में इसे तांबूल कहा जाता है। विभिन्न कर्म-कांडों में इसका प्रयोग किसी न किसी रूप में किया जाता है। पान का जिक्र ‘स्कंद पुराण’ में किया गया है। जिसके अनुसार समुद्र मंथन के समय पान के पत्ते का प्रयोग किया गया था। इसके पत्ते में विभिन्न देवी-देवताओं का वास माना जाता है, इसीलिए पूजा में पान के पत्ते का विधि-विधान से प्रयोग किया जाता है। आज हम विस्तार पूर्वक जानेंगे कि पूजा में पान के क्या-क्या फायदे हैं।

1. नवरात्रि में पान के पत्ते पर गुलाब की पंखुड़ियां रखकर चढ़ाने से माता लक्ष्मी की कृपा होती है। इससे जीवन में धन संबंधी समस्या दूर हो जाती है।

2. हवन पूजा में पान एक अहम सामग्री है। समुद्र मंथन के दौरान देवताओं ने पान के पत्ते का प्रयोग किया था। तभी से पूजा में पान के पत्ते का इस्तेमाल किया जाना शुरू हुआ।

3. पान में गुलकंद, खोपरे का बुरादा,  सौंफ और कत्था डालकर उसे भगवान शिव को अर्पित करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती है।

 

4. सिंदूर और घी को मिलाकर पान के पत्ते पर अपना नाम लिखें,इसके बाद इसे माता दुर्गा को अर्पित करें। इससे विवाह का शीघ्र संयोग बनेगा।

5. मंगलवार और शनिवार के दिन पान का बीड़ा भगवान हनुमान को अर्पित करना चाहिए। इससे हनुमान जी भक्तों पर आने वाली मुसीबत का बीड़ा खुद उठाएंगे।

6. पूजा में पान का पत्ता नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। इसके प्रभाव से पूजा में किसी के बुरे चीज का साया नहीं पड़ता है।

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