लॉकडाउन में राहत मिलते ही रेलवे स्टेशन और मॉल में उमड़ी भीड़ से क्यों लग रहा है डर

नई दिल्ली
भारत में कोरोना के सेकंड वेव (Second Wave) का असर कम होते हुए लोगों की लापरवाही सामने आने लगी है। कोरोनावायरस संकट के दूसरे चरण (Second Wave) की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोशल मीडिया (Social Media) पर ऑक्सिजन सिलेंडर, हॉस्पिटल बेड से लेकर कोरोनावायरस के इलाज में काम आने वाली दवाएं और जरूरी उपकरणों की हेल्प के लिए आने वाले पोस्ट की बाढ़ सी आ गई थी। हर व्यक्ति मदद मांगने या मदद करने में जुटा हुआ दिख रहा था।

अब जब कोरोना (Covid Crisis) का असर थोड़ा कम हुआ है और लॉकडाउन (LockDown) में राहत दी गई है, देशभर में रेलवे स्टेशन (Station) और शॉपिंग मॉल (Shopping Mall) पर लोगों की भीड़ उमर पड़ी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) और साफ-सफाई के नियमों का साफ-साफ उल्लंघन देखा जा रहा है जो कोरोनावायरस के तीसरे चरण (Third Wave) को निमंत्रण देने के लिए काफी है।लॉकडाउन में राहत
देश की राजधानी दिल्ली और भारत के साइबर हब बेंगलुरु में समेत देश के तमाम दूसरे शहरों में लॉकडाउन (LockDown) में धीरे-धीरे ढील दी जा रही है। देशभर में कोरोना संक्रमण (Covid Crisis) के मामलों की संख्या 2 महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं और इस वजह से अब लोगों को राहत दी जा रही है। देश की राजधानी दिल्ली में करीब 5 हफ्ते के सख्त लॉकडाउन के बाद प्रशासन ने दुकान और मॉल को पूरी तरह खोलने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही रेस्टोरेंट में 50 फ़ीसदी क्षमता के साथ कामकाज करने की इजाजत दे दी गई है। अगर बात सबअर्बन रेल नेटवर्क की करें तो उनमें भी 50 फ़ीसदी क्षमता के साथ लोग सफर कर सकते हैं। देश की राजधानी में दफ्तर भी आंशिक रूप से खोल दिए गए हैं।

लोग नहीं मान रहे
दिल्ली के शीर्ष मॉल में पिछले वीकेंड को 19000 से ज्यादा लोग आये। नई दिल्ली के मैक्स हेल्थ केयर हॉस्पिटल के एक डॉक्टर ने ट्विटर पर लिखा, “क्या हम पूरी तरह पागल हो गए हैं? क्या हमें कोरोनावायरस का डर नहीं लग रहा है? फिर से कोरोनावायरस संकट (Covid Crisis) का सामना करने के लिए तैयार रहिए और सरकार, अस्पताल एवं देश पर आरोप लगाने के लिए भी।”टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाएं
महामारी विशेषज्ञ लोगों को इस बारे में चेतावनी भी दे रहे हैं वह कह रहे हैं कि कारोबार दोबारा शुरू करने के बाद टीकाकरण (Covid Vaccination) की रफ्तार बढ़ाने की जरूरत है। देश में 95 करोड़ वयस्कों में से सिर्फ पांच फ़ीसदी को अब तक कोरोनावायरस टीका (Covid Vaccine) लग पाया है। डॉक्टर का कहना है कि दिल्ली को दोबारा सामान्य तरीके से खोला जाना वास्तव में चिंता का विषय है। शहर के प्रशासन को यह सोचना चाहिए कि स्थिति बिगड़ने पर ही सख्ती करने से कुछ नहीं होगा।

स्थिति बिगड़ने पर ही सख्ती जरूरी नहीं
मई में देश की राजधानी में कोरोनावायरस से हजारों लोगों की मौत हुई। ऑक्सिजन सप्लाई की स्थिति बिगड़ने और अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं होने की वजह से ऐसा हुआ। कोरोनावायरस मरीजों के परिजनों ने सोशल मीडिया पर अस्पतालों में बेड की कमी से संबंधित पोस्ट की झड़ी लगा दी। बहुत से लोग पार्किंग लॉट में ही मर गए, जबकि शवदाह गृह में भी जगह नहीं बची थी।वैक्सीन की किल्लत
कोरोना वैक्सीन की कमी की वजह से आग 45 साल से कम उम्र के लोगों को दिल्ली में टीका (Covid Vaccine) नहीं लगाया जा रहा है। देश में इस समय रोजाना 24 लाख लोगों को कोरोनावायरस टीका (Covid Vaccine) लग रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण (Covid Vaccine) की रफ्तार मौजूदा स्पीड की तुलना में 4 गुना बढ़ाए जाने की जरूरत है, तभी कोरोनावायरस संक्रमण के तीसरे चरण (Third Wave) से लड़ने में मदद मिल सकती है।

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