तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर दुनिया, यूक्रेन में सुनाई पड़े धमाके, खौफभरी तस्वीरें

नई दिल्ली। तमाम कोशिशों के बावजूद दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर पहुंच गई है। रूस ने आखिरकार यूक्रेन पर हमले शुरू कर दिए हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश देकर दुनिया के सामने भयंकर संकट खड़ा कर दिया है। पुतिन ने ‘यूक्रेन के विसैन्यीकरण और विमुद्रीकरण के उद्देश्य से विशेष सैन्य अभियान’ की घोषणा की। ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने एक दिन पहले ही आशंका जताई थी कि रूस किसी भी क्षण यूक्रेन पर हमला कर सकता है। रूस के हमले के बाद सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। देखिए कुछ तस्वीरें…


यूक्रेन में विद्रोहियों यानी रूस समर्थकों इलाके में बमबारी होने लगी है। twitter पर ऐसी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिनमें धमाके होते दिखाई दे रहे हैं। यूनाइटेड नेशन(UN) ने शांति की अपील की है।

इस तस्वीर में देख सकते हैं कि रूस के हमले में कैसे यूक्रेन के विद्रोही वाले इलाकों में धमाके किए गए। हमलों के बाद यूक्रेन में अफरातफरी मची हुई है।

यह तस्वीर ConflictsWorldwide के twitter पेज से ली गई है। इसमें लिखा है-रूस के हमले के बाद खार्किव-यूक्रेन (Kharkiv-Ukraine)

रूस के राष्टपति पुतिन ने नाटो को कड़े लहजे में चेताया है कि अगर उसने यूक्रेन का साथ दिया, तो नतीजे भंयकर होंगे। रूसी सेना यूक्रेन की ओर बढ़ती हुई।


संयुक्त राष्ट्र(UN) की बैठक में तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति पुतिन के युद्ध के ऐलान की घोषणा के वक्त यूक्रेन के प्रतिनिधि। उन्होंने कहा कि युद्ध रोकना UN की जिम्मेदारी है। मैं सभी से युद्ध रुकवाने का आह्वान करता हूं। क्या मुझे आपके(रूसी प्रतिनिधि से) राष्ट्रपति द्वारा युद्ध के ऐलान का वीडियो चलाना चाहिए?

 

यह है विवाद की वजह
रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। दोनों सेनाओं के बीच 20-45 किमी की दूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पहले ही रूस को चेता चुके थे कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे। दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं था। उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा।

 

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