यासीन मलिक ने कश्मीरियों को जबर्दस्ती बूंदकें थमाईं, उम्रकैद की सजा सही—आध्यात्मिक प्रमुख

जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाने के फैसले का अजमेर दरगाह के प्रमुख ने स्वागत किया है। अजमेर दरगाह तीर्थ के आध्यात्मिक प्रमुख और दरगाह के वंशानुगत सज्जादानशीन(जो किसी बड़े फ़क़ीर या महात्मा के बाद उसकी गद्दी ग्रहण करे) दीवान सैयद जै़नुल ने एक बड़ा बयान जारी किया है।

दीवान सैयद जै़नुल आबेदीन की तरफ से उनके कार्यालय अजमेर स्थित कदीम हवेली दीवान साहिब की तरफ से 25 मई को एक प्रेस रिलीज जारी की गई है। इसमें कहा गया-“यासीन मलिक को उसके गुनाहों की सजा पूरी न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद दी जा रही है। भारत की न्याय व्यवस्था ने एक बार फिर अपनी बुद्धिमत्ता, स्वतंत्रता और पारदर्शी छवि को साबित किया, जिसकी प्रशंसा पूरी दुनिया करती है। मलिक ने भारत में आतंकवाद को भड़काकर और कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देकर और निर्दोष कश्मीरियों के हाथ से किताबें छीनकर उनके हाथ में जबरदस्ती बंदूकें डालकर उन्हें आतंकवादी बना दिया।”

A big statement by the spiritual head of Ajmer Dargah on the punishment of JKLF leader Yasin Malik, praised the justice system, Yasin responsible for terrorism in Kashmir kpa

शेखुल माशेख दीवान सैयद ज़ैनुल आबेदीन अली खान साहिब हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती (आरए) को लोकप्रिय रूप से दरगाह दीवान या दीवान साहिब के नाम से जाना जाता है। सज्जादानशीन के पद को पीढ़ी-दर-पीढ़ी वंशानुगत (मोरूसी) घोषित किया गया।

मैसूमा में कल सजा सुनाए जाने से पहले यासीन मलिक के घर के बाहर देश विरोधी नारेबाजी और पथराव करने के आरोप में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। श्रीनगर पुलिस क अनुसार अन्य सभी इलाकों में शांतिपूर्ण स्थिति रही। श्रीनगर पुलिस ने कहा कि अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इनके खिलाफ यूएपीए और आईपीसी(UAPA & IPC) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस गुंडागर्दी को भड़काने वाले मुख्य लोगों पर जन सुरक्षा कानून(Public Safety Act) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

जम्मू-कश्मीर सरकार को निवेश के लिए 51000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव मिले हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पिछले साल जनवरी में नए निवेश को प्रोत्साहित करने और औद्योगिक विकास को ब्लॉक स्तर तक ले जाने के लिए 28,400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक नई औद्योगिक विकास योजना की घोषणा की थी। नई नीति (जो 2037 तक लागू रहेगी) ने बड़े निवेशकों के लिए जम्मू-कश्मीर में निवेश करने का मार्ग प्रशस्त किया। एक अधिकारी के अनुसार, इन संभावित प्रस्तावों से 2.37 लाख रोजगार पैदा होने का अनुमान है। इन प्रस्तावों की मंजूरी देने की प्रक्रिया पहले ही तेज कर दी गई है।

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