अजब संयोग: राफेल विवाद के चलते अपने गांव का नाम बदलना चाहते हैं लोग

नई दिल्ली। चुनावी माहौल में फ्रांस की लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी ‘राफेल’ विवादों के केंद्र में है. कांग्रेस लड़ाकू विमान सौदे में गड़बड़ी का आरोप लगाकर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर है. विपक्ष का आरोप है कि केंद्र की मोदी सरकार ने ज्यादा कीमत पर सौदा किया है. साथ ही इसका ठेका अपने दोस्त अनिल अंबानी को दे दिया है।
इस सियासी घमासान के बीच छत्तीसगढ़ के एक इलाके के लोग ‘राफेल’ के नाम पर मजाक बनाए जाने के कारण अपने गांव का नाम बदलवाना चाहते हैं. दरअसल, महासमंंद लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले इस गांव का नाम भी ‘राफेल’ है. करीब 200 परिवार वाले इस गांव के लोग 18 अप्रैल को मतदान के लिए तैयार हैं.
राफेल गांव के सबसे बुजुर्ग धरम सिंह (83) ने बताया, ”दूसरे गांव के लोग चिढ़ाते हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो हमारी जांच की जाएगी. हम लोग गांव का नाम बदलवाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय भी गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई.” वह कहते हैं कि राफेल विवाद के कारण उनके गांव के लोगों को भी भला-बुरा सुनना पड़ता है. कोई भी हमारे गांव की परवाह नहीं करता है. इस गांव के बारे में राज्य के बाहर लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है।
धरम सिंह बताते हैं कि गांव में पानी और शौचालय जैसी जरूरी सुविधाएं तक नहीं हैं. क्षेत्र में सिंचाई की कोई सुविधा नहीं है. इसलिए यहां खेती बारिश पर निर्भर है. नेताओं ने पूरे देश में कई गांवों को गोद लिया, लेकिन हमारे गांव की किसी ने सुध नहीं ली. दो हफ्ते पहले भाजपा के कुछ कार्यकर्ता गांव आए थे, लेकिन वो हमारी मदद नहीं कर सकते थे. हमें फर्क नहीं पड़ता कि सत्ता में कौन आएगा. हम बस इतना चाहते हैं कि हमारे गांव का नाम बदल दिया जाए.
जब धरम सिंह से गांव का नाम ‘राफेल’ होने की वजह पूछी गई तो उन्होंने जानकारी होने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि साल 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ बनने के कई दशक पहले से गांव का यही नाम है. भाजपा के चंदूलाल साहू महासमंंद सीट से सांसद हैं. वह इस बार भी इस सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस के धनेंद्र साहू और बसपा के धनसिंह कोसारिया मैदान में हैं.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*