अजा एकादशी व्रत: राजा हरिश्चंद्र को ये व्रत करने से मिला था उनका खोया हुआ राज पाट

अन्नदाता एकादशी यानी अजा एकादशी  भादो महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से तत्काल प्रभाव से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इस मौके पर भगवान विष्णु के उपंद्र रूप की विधिवत पूजा की जाती है. इसे श्रेष्ठतम व्रतों में से एक माना जाता है. इसी व्रत को करने के बाद राजा हरिश्चंद्र को उनका खोया हुआ राजपाट वापस मिला था और उनका पुत्र भी जीवित हो उठा था.

व्रत की विधि

    • इस दिन श्रद्धालु को सुबह सूर्योदय से पूर्व जगना चाहिए

    • घर की अच्छे से साफ-सफाई करनी चाहिए
    • घर में गोमूत्र का छिड़काव करें
    • खुद की शरीर पर तिल और मिट्टी का लेप लगाकर कुशा से स्नान करें और साफ सुथरे कपड़े पहनकर पूज की तैयारी करें
    • उपवास रखें और विधिवतभगवान विष्णु की पूजा करें
    • आप चाहें तो दिनभर में एक बार फलहार कर सकते हैं

जरूर करें ये काम

    • दीप जलाकर विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें
    • अगर य न कर पाएं तो 10 माला गुरुमंत्र का जाप कर लें
    • घर में झगड़े होते हों तो झगड़े शांत हो जाएं इसके लिए संकल्प ले और विष्णु सहस्त्र का नाम पढ़ें तो घर के झगड़े शांत हो जाएंगे.

इन चीजों से बरते सावधानी

    • रात में मसूर की दाल नहीं खानी चाहिए
    •  चने या चने के आटे से बनी चीजें खानी चाहिए
    • शहद खाने से बचें
    • ब्रह्मचर्य का पूर्ण रूप से करें पालन
    • किसी के प्रति क्रोध या द्वेष को मन में न लाएं
    • परनिंदा से बचें
    • चावल खाने से बचें

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