बाजना में किसानों का ऐलान, मांगें न मानने पर एक्सप्रेस वे पर पैदल मार्च

संवाददाता
बाजना  (मथुरा)। भारतीय किसान कल्याण समिति के  बैनर तले  बाजना इन्टर कॉलेज परिसर में आयोजित महापंचायत में  ऐलान किया गया कि  मांगें नहीं मानी तो एक्सप्रेस वे पर पैदल मार्च किया जाएगा। पंचायत में आठ सूत्रीय मांगों पर चर्चा की गई। समिति के राष्टÑीय अध्यक्ष किसान नेता रामबाबू सिंह कटेलिया  ने बताया कि क्षेत्र में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हैं। अराजकता चरम पर हैं। पिछले महीने किए गए धरना प्रदर्शन के दौरान प्रशासन ने एक माह का समय लिया था। मगर एक माह बीत जाने के बाद भी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई।

पंचायत में विधायक द्वारा गांव पचहरा में दलित के साथ गलत व्यवहार किये जाने, कानून व्यवस्था की लगातार बिगड़ती हालात,छाता सुगर मिल शुरू किये जाने,सुरीर आत्म हत्या कांड में निर्दोष व्यक्ति के जेल में बंद होने, सिंचाई हेतु पानी की समस्या को लेकर और नावली और हसनपुर के मध्य क्षतिग्रस्त पुल के निर्माण की मांगें पंचायत के मुख्य बिन्दु रहे। अध्यक्षता खचेरसिंह ने की।  संचालन नौशेपुर के प्रधान  बदन सिंह ने की। महापंचायत में मनीष जिंदल, जयवीर सिंह आर्य,ठा शैलेंद्र, सतवीर सिंह, प्रेमपाल सिंह, विजेंद्र प्रधान  एवं वीरीसिंह समेत सैकड़ों किसान मौजूद थे।

कृषि विधेयक के विरोध में मथुरा के किसान भरेंगे हुंकार
मथुरा। कृषि विधेयकों के विरोध में दिल्ली, हरियाणा तथा पंजाब के किसानों के  चल रहे  आंदोलन का साथ देने के लिए  भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के कार्यकर्ता  यमुना एक्सप्रेस वे के बाजना कट से होते हुए दिल्ली रवाना हो गए।
गौरतलब है कि भाकियू के राष्टÑीय अध्यक्ष नरेश टिकैत द्वारा समर्थन दिए जाने की घोषणा के बाद यूनियन के जिलाध्यक्ष राजकुमार तोमर के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों का एक दल यमुना एक्सप्रेस वे के बाजना कट से दिल्ली के लिए रवाना हो गया।  यूनियन के मण्डल अध्यक्ष गजेंद्र सिंह परिहार ने ऐलान किया कि कृषि विधेयकों के वापस न होने तक  आंदोलन चलता रहेगा। इस दौरान तहसील अध्यक्ष रोहिताश चौधरी, करुआ सिंह,चुममुन चौधरी तथा चेतन नौहवार आदि मौजूद रहे।

केंद्र सरकार और किसानों के बीच कल होगी वार्ता
नई दिल्ली। कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों के दिल्ली घेरो अभियान पर केंद्र सरकार की नजर है। सरकार के आगे किसान झुकने को तैयार नहीं है। हालांकि कल दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अगुवाई में सरकार के प्रतिनिधि और किसान संगठनों के प्रतिनिधिमडलों में शामिल किसान नेताओं से बातचीत होगी। बातचीत का परिणाम क्या निकलता है, इसका सभी को कल तक इंतजार करना होगा। हालांकि आंदोलनकारी किसानों ने ऐलान किया है कि अगले छह महीने का राशन लेकर आ गए हैं। अब अपने पशुओं को लेकर भी  आ जाएंगे। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने टीवी चैनलों के माध्यम से किसानों को समझाने की कोशिश की।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*