कश्मीर में पत्रकारों को धमकी देने वालों के खिलाफ कसा शिकंजा, श्रीनगर-अनंतनाग-कुलगाम में 10 जगहों पर छापेमारी

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कश्मीर में सक्रिय मीडिया कर्मियों को धमकी देने वालों और इस षड्यंत्र में शामिल आरोपितों के खिलाफ नकेल कसना शुरू हो गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीर के श्रीनगर अनंतनाग और कुलगाम जिलों के 10 ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है।

कश्मीर में सक्रिय मीडिया कर्मियों को धमकी देने वालों और इस षड्यंत्र में शामिल आरोपितों के खिलाफ नकेल कसना शुरू हो गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीर के श्रीनगर, अनंतनाग और कुलगाम जिलों के 10 ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है। कश्मीर जोन पुलिस ने इंटरनेट मीडिया से इसकी जानकारी साझा की है।

यहां यह बता दें कि पिछले दिनों कश्मीरी पत्रकारों को भारत समर्थक करार देते हुए तुर्किये में हिट लिस्ट तैयार की गई थी। इस हिट लिस्ट को आतंकी मुख्तार बाबा ने तैयार किया था। इतना ही नहीं इस हिट लिस्ट को बनाने में कश्मीर के कुछ पत्रकारों व कश्मीर फाइट ब्लाग से जुड़े देश द्रोही ताकतों ने भी मदद की थी। इसके उपरांत सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसे छह पत्रकारों की सूची स्थानीय एजेंसियों को सौंपी जो लगातार मुख्तार बाबा के संपर्क में थे। इनमें से गत वीरवार को सुरक्षा एजेंसियों की ओर से पहचान कर ली गई थी। कुछ ही समय के उपरांत इन दोनों पत्रकारों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही थी। यहीं वजह है कि आज यानी शनिवार को इसी संदर्भ में श्रीनगर, अनंतनाग और कुलगाम जिलों में पुलिस की 10 जगहों पर छापेमारी जारी है। उम्मीद है कि मीडिया कर्मियों को धमकी देने वाले षड्यंत्र में शामिल अन्य आरोपितों की आज गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, आज सुबह से शुरू हुई पुलिस की छापेमारी दिनभर जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि मीडियो कर्मियों को धमकी देने के मामले में केवल छह स्थानीय पत्रकार ही नहीं बल्कि इनकी संख्या अधिक हो सकती है। यही वजह है कि इस समय कश्मीर में 10 जगहों पर छापेमारी जारी है। आरोप है कि आतंकी बाबा के संपर्क में रहने वाले पत्रकारों ने अन्य पत्रकारों को पाकिस्तान की लाइन लेने के लिए करने के लिए इस सूची को वायरल करने में मदद की थी।

मुख्तार बाबा का कश्मीर में फैले आतंकवाद से पुराना नाता है। वर्ष 1990 में बाबा कश्मीर की जेल में कुछ समय के लिए सजा भी काट चुका है। भारत से भागने से पहले मुख्तार बाबा ग्रेटर कश्मीर ओर कश्मीर आब्जर्वर सहित कई मीडिया संस्थानों में काम कर चुका है। यही कारण है कि कश्मीर में सक्रिय मीडिया कर्मियों की उसे काफी जानकारी है।

मुख्तार बाबा किसी समय इजरायल के विरुद्ध सकिय आतंकी संगठन हिजबुल्ला के भी संपर्क में रह चुका है। वर्ष 2018 से मुख्तार बाबा अंकारा में है और बीच-बीच में पाकिस्तान भी जाता रहता है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार मुख्तार बाबा को अंकारा में जगह दिलाने में जर्मन मूल की अमेरिकी महिला जोधी कैरिन फिशर की अहम भूमिका रही है। जोधी कैरिन आइएसआइ के डीप एजेंट के रूप में आठ वर्ष कश्मीर घाटी में रहकर भी काम कर चुकी है। जब सुरक्षा एजेंसियों को इस बाबत पता चला था तो उसे जबरन डिपोर्ट कर दिया गया था।

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