एनजीटी ने डीएम पूछा गोवर्धन में किसके आदेश से बंद किये ई—रिक्शा

न्यायालय के आदेश की आड़ में प्रशासन गलत कार्य न करें
— ईरिक्शा और स्थानीय वाहनों पर नहीं है रोक, डीएम की अध्यक्षता में बनाई सात सस्यीय कमेटी
— अब 18 सि​तंबर को होगी सुनवाई
मथुरा। गिरिराज परिक्रमा संरक्षण संस्थान द्वारा दाखिल याचिका गुरुवार को सुनवाई करते हुए एनजीटी की पीठ ने कड़े शब्दों में मथुरा के जिलाधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्रा से पूछा की हमारे किस आदेश के तहत आपने परिक्रमा मार्ग में ई रिक्शा बंद करवाए ? जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि मेरे द्वारा स्वयं परिक्रमा करने के दौरान यह महसूस किया गया कि ई— रिक्शा की बहुतायत हो जाने के कारण श्रद्धालुओं को परिक्रमा करने में काफी असहजता हो रही है, जिस पर मेरे द्वारा सभी ई रिक्शाओं को नियंत्रित करने को कहा गया था, जिसका लोगों ने गलत अर्थ निकाला और कुछ तथाकथित लोगों द्वारा न्यायालय के खिलाफ दुष्प्रचार कर लोगों को भड़काया गया । जिनको की प्रशासन ने चिन्हित कर लिया है तथा उनके खिलाफ कार्यवाही भी प्रशासन द्वारा की जा रही है।
याचिकाकर्ता आनंद गोपाल दास व सत्य प्रकाश मंगल के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने न्यायालय को शपथ पत्र के माध्यम से बताया कि किस प्रकार भंडारे, छप्पन भोग, ई रिक्शा व गरीबों को न्यायालय के आदेशों की आड़ में परेशान किया जा रहा है, जिस पर न्यायालय ने जिलाधिकारी मथुरा को कड़े शब्दों में हिदायत देते हुए कहा कि न्यायालय के आदेशों की आड़ में प्रशासन गलत कार्य ना करे, जिस से की स्थानीय गोवर्धन वासियों कोई परेशानी ना हो।
न्यायालय ने आज की सुनवाई में यह भी साफ कर दिया कि एनजीटी द्वारा कोई भी ई रिक्शा संचालन बंद नहीं किया गया है, और ना ही भंडारों, छप्पन भोग, स्थानीय वाहनों पर न्यायालय द्वारा कोई रोक लगाई गई है । एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार को बेहद कड़े शब्दों में कहा कि यह सब प्रशासन की लापरवाही है जो 26 और 27 तारीख को न्यायालय के खिलाफ कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया, जस्टिस रघुवेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि स्थानीय नागरिकों की मांगों को अगर पहले ही जिला अधिकारी द्वारा सुन कर निस्तारण कर दिया होता तो नाराज होकर लोगों को सड़कों पर उतरना ना पड़ता।
याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता एम सी मेहता व सार्थक चतुर्वेदी ने यह साफ कहा कि छप्पन भोग, भंडारे, ई रिक्शा बंद करने के कारण यह सब समस्या उत्पन्न हुई। जिस पर न्यायालय ने अपने आज के आदेश में डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कि गई है। जिसमें कि अपर जिलाधिकारी प्रशासन, कोर्ट कमिश्नर, जिला अधिकारी मथुरा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, ईओ नगर पंचायत गोवर्धन, एआरटीओ तथा उप जिलाधिकारी गोवर्धन को निर्देशित किया गया कि छप्पन भोग, भंडारे तथा ई रिक्शा को परमिशन दी जाए तथा साफ सफाई का इस परमिशन देते वक्त विशेष ध्यान रखा जाए।
याचिकाकर्ता आनंद गोपाल दास व सत्य प्रकाश मंगल द्वारा दाखिल शपथपत्र पर जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की अधिवक्ता पिंकी आनंद ने कहा कि हम याचिकाकर्ता व उनसे संबंधित लोगों को सुरक्षा देने को तैयार हैं, जिसपर न्यायालय ने टिपण्णी करते हुए कहा कि यह काम प्रशासन का है और यह उनकी नैतिक जिमेदारी है। न्यायालय ने थाना अध्यक्ष गोवर्धन को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि कैसे आपके रहते हुए गोवर्धन में इस तरह की घटनाएं हुई, थाना अध्यक्ष गोवर्धन से न्यायालय ने एक सप्ताह के भीतर 26 व 27 अगस्त को हुई घटना के संबंध में जवाब तलब किया, न्यायालय ने बरसाना मार्ग पर पेट्रोल पंप में हुई तोड़ फ़ोड़ पर भी थाना अध्यक्ष गोवर्धन को डांट लगाई और इस पूरे मामले पर जिला अधिकारी मथुरा से भी एक सप्ताह के अंदर लिखित जवाब देने को कहा जिला अधिकारी मथुरा ने न्यायालय को बताया कि कुछ लोगों द्वारा स्वार्थ के लिए यह बंद कराया गया है, जिनको की चिन्हित कर लिया गया है तथा उन पर जल्द कार्यवाही की जाएगी। इस मामले से जुड़े अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि गोवर्धन के स्थानीय पत्रकार व ब्रज प्रेस क्लब गोवर्धन के अध्यक्ष परीक्षित कौशिक ने भी ई रिक्शा व अन्य समस्याओं को लेकर सरकार के अधिवक्ता व याचिकाकर्ता से मांग रखी थी, जिन पर न्यायालय ने भी आज संज्ञान लेते हुऐ कार्यवाही की है, व्यापारी नेता मुरारी अग्रवाल द्वारा भी अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी को भंडारे व छप्पन भोग में प्रशासनिक अड़चनो के बारे में सूचित किया था, जिस पर आज न्यायालय ने सभी आयोजनों के लिए अनुमति देते हुए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है । मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर के लिये तय की गई है।

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