बहुमूल्य रत्नों से जड़े शेषावतार स्वरूप में महालक्ष्मी के साथ विराजे गिरिराज, अलौकिक दर्शन

संवाददाता
यूनिक समय, गोवर्धन (मथुरा) । गिरिराज तलहटी में हुए अलौकिक छप्पन भोग दर्शन की ऐसी आभा बिखरी कि श्रद्धालु सुध बुद खो प्रभु को एक टक निहारने को आतुर दिखे। सप्त रत्नों और चांदी रत्नों से सजे शेषावतार पर सवार गिरिराज प्रभु के साथ महालक्ष्मी जी विराज रही थी ऐसे दर्शनों के लिए जनता का सैलाब उमड़ता रहा।

हर कोई अपने प्रभु के दिव्य दर्शन को आतुर दिखा और प्रभु प्रेम की दीवानगी ऐसी कि प्रभु को एकटक निहारते ही रहे लोग। श्रद्धालु भक्तिविभोर होकर नाचने झूमने लगे । शहनाई की सुरीली धुन और ब्रज के रासलीला के बीच भक्त झूम झूम नृत्य करते दिखे ।

प्रभु के भजनों पर श्रद्धालु थिरकते रहे । इससे पहले ब्रज के हजारों संतों ने प्रसाद पाया। दोपहर को खुले दर्शन के लिए देर रात तक श्रद्धालुओं का रेल उमड़ता रहा। छप्पन भोग स्थल तक हर कोई पहुंचने के लिए उत्सुक नजर आया।

समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल ने आरती उतारी। परिक्रमा मार्ग में वाहन प्रतिबंधित होने से श्रद्धालु ई रिक्शों से छप्पन भोग में पहुंचे तब भी श्रद्धालुओं का उत्साह रुक ना सका। इस दुर्लभ क्षण का हर कोई साक्षी बनने को आतुर दिखा ये प्रभु के प्रति सबका प्रेम है।

गिरिराज सेवा समिति के अध्यक्ष दीनानाथ अग्रवाल, महामंत्री अशोक कुमार आढ़ती, दिनेश सादाबाद, राजेन्द्र सर्राफ, भगवान दास खंडेलवाल, हरीश गिलट, विनय अग्रवाल, मुरारी सरन सर्राफ, नीरज गोयल, मुख्य संयोजक राघवेंद्र गर्ग, दिनेश मंगल, बनबारी लाल अग्रवाल, पंकज जौहरी, अरविन्द विसावर, अनमोल विसावर, कपिल अग्रवाल, महावीर अग्रवाल, संजय जिंदल, अमित, अमरनाथ गोयल, राजीव अग्रवाल तथा अंकित बंसल आदि ने श्रद्धालुओं का पटुका पहनाकर स्वागत किया।

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