पंजाब के नए सीएम का मंच पर आंधे घंटे इंतजार करते रहे राज्यपाल, लेकिन समय पर नहीं पहुंचे भगवंत मान

चंडीगढ़। पंजाब को नया मुख्यमंत्री मिल गया है, भगवंत मान ने शहीद भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां में सीएम की शपथ ग्रहण की। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने उन्हें शपथ दिलाई। इस दौरान मंच पर बसंती पगड़ी पहने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के तमाम बड़े नेता पहने नजर आए। लेकिन भगवंत मान अपने तय समय से करीब 50 मिनट की देरी से स्टेज पर पहुंचे। जिसके चलते राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को करीब आधा घंटा इंतजार करना पड़ा।

दरअसल, पंजाब के नए सीएम भगवंत मान को 12.30 मिनट पर शपथ लेनी थी। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित समय पर पहुंच गए। लेकिन भगवंत मान और केजरीवाल समय पर नहीं पहुंचे। राज्यपाल करीब 25 मिनट तक इंतजार करते रहे। भगवंत मान करीब 50 मिनट की देरी से कार्यक्रम में पहुंचे। तब तक वहां उपस्थिति हर कोई कार्यक्रम शुरू होने का इंतजार करता रहा। हालांकि बाद में बताया गया कि मोहाली में विजिबिलिटी की कमी की वजह से उनका हेलीकॉप्टर मोहाली से उड़ नहीं पाया। इस वजह से देरी हो गई।

शपथ ग्रहण समारोह में पहले ही दिन जिस तरह से भगवंत मान और उनकी टीम देरी से पहुंची, इसे लेकर उनकी आलोचना हो रही है। पंजाब के सीनियर पत्रकार बलविंदर सिंह जम्मु ने कहा कि तीन लाख लोग और माननीय राज्यपाल नए सीएम का इंतजार करते रहे, सीएम पद पर पर मान की यह अच्छी शुरुआत नहीं मानी जा सकती है। क्योंकि आम आदमी पार्टी की ओर से बार बार यह दावा किया जाता है कि वह वीआईपी कल्चर के खिलाफ है।

खुद भगवंत मान बार बार यह बोलते हैं कि आम आदमी पार्टी की जीत पंजाब के आम मतदाता की जीत है। वह यह भी कहते रहे हैं कि अब आम आदमी का राज आ गया है। लेकिन जब इस तरह की बातों को अमली जामा पहनाने का वक्त आया तो इसमें भगवंत मान पिछड़ते नजर आ रहे हैं। होना तो यह चाहिए था कि मान शपथ ग्रहण समारोह में समय पर पहुंच कर एक उदाहरण पेश करते। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। जानकारों का कहना है कि यह तर्क भी गले से नहीं उतर रहा कि मौसम खराब था, क्योंकि आज चंडीगढ़ और मोहाली का मौसम पूरी तरह से साफ है। किसी तरह के बादल नहीं है। फिर कैसे मौसम खराब की बात की जा रही है? यह तथ्य सही नहीं है। यह हो सकता है कि भगवंत मान और उनकी टीम मोहाली से खटकड़ कला के लिए समय से निकले ही नहीं। इसलिए देरी से कार्यक्रम में पहुंचे।

मान के आलोचकों का कहना है कि यह शपथ ग्रहण समारोह था, कोई पब्लिक मीटिंग या पार्टी की रैली नहीं थी। इसलिए नए सीएम को समय का ध्यान रखना चाहिए था। क्योंकि परंपरा रही है कि शपथ ग्रहण समारोह में सीएम और राज्यपाल एक साथ पहुंचते हैं। राज्यपाल कार्यक्रम शुरू करने की इजाजत देता है। कार्यक्रम खत्म करने की इजाजत भी राज्यपाल देते हैं।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*