कभी सोचा है ट्रेन पटरियों पर ही क्यों चलाई गई, सड़कों पर क्यों नहीं?

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एक मालगाड़ी का वजन 100 टन से भी ऊपर होता है. ट्रेन के पहिए की चौड़ाई मात्र 4 इंच होती है. ऐसे में इसे सड़क पर न चलाने के पीछे कई महावपूर्ण कारण हैं. आइए जानते हैं कि इसके लिए ट्रैक्स क्यों बिछाने पड़े.

इसलिए पटरियों पर चलती है ट्रेन

बहुत से लोग ये सोचते हैं कि ट्रेन के लिए पटरियां ही क्यों बनाई गई, इसके लिए अलग से सड़के बना कर उसपर क्यों नहीं चलाया गया? दरअसल, इसको पटरियों पर चलाने के पीछे कई कारण हैं. जिनमें सबसे पहला कारण है ट्रेन का भारी भरकम वजन. जी हां, ट्रेन का वजन सड़क पर चलने वाली बाकी गाड़ियों से बहुत ज्यादा होता है. किसी भी भरे हुए ट्रक का वजन 15 से 20 टन तक होता है, जबकि एक मालगाड़ी का वजन 100 टन से भी ऊपर होता है. ट्रक के पहिए की चौड़ाई लगभग 10 इंच होती है और ट्रेन के पहिए की चौड़ाई मात्र 4 इंच होती है. ट्रेन के पहिए को ढाई गुना ज्यादा दवाब झेलना पड़ता है, इसीलिए अगर ट्रेन को सड़क पर चलाना है तो इसके लिए 10-12 गुना ज्यादा मजबूत सड़कों की जरूरत होगी.

पटरी और पहियों के बीच कम रहता है घर्षण

सड़क मिट्टी के ऊपर बनीं होती है. वह ट्रेन का भार झेल झेल नहीं पाएगी और सड़क धंस जाएगी. इसी वजह से पटरी के नीचे स्लीपर डालकर लोड को ज्यादा एरिया में फैला दिया जाता है. इसके अलावा, ट्रेन की पटरियों और उसके पहियों के बीच घर्षण बल काफी कम होता है. ऐसे में, अगर इसे सड़क पर चलाया जाए तो ये काफी बढ़ जाएगा और ट्रेन का आगे बढ़ना काफी मुश्किल होगा.

ट्रेन नहीं चल पाएगी सही दिशा में

सड़क पर चलने वाली सभी गाड़ियों को मोडने के लिए उनमें स्टीयरिंग लगा होता है. जबकि, ट्रेन में इस तरह का कोई स्टीयरिंग नहीं होता है. ऐसे में, अगर ट्रेन को सड़क पर चलाया जाएगा तो उसे कंट्रोल नहीं किया जा सकेगा और यह तय नहीं किया जा सकेगा कि ट्रेन को किस दिशा में ले जाना है

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