लॉकडाउन में बर्बादी की कगार पर हैं होटल-रेस्ट्रॉन्ट उद्योग! करोड़ों के नुकसान के बाद कारोबारियों ने सरकार से मांगी रियायतें

मथुरा
उत्तर प्रदेश में कोरोना के दौरान भले ही आम जनता को लॉकडाउन खुलने से राहत मिल गई हो, लेकिन इसके विपरीत होटल-रेस्टोरेंट संचालकों पर इसकी मार अभी पड़ रही है। आलम यह है कि होटल और रेस्ट्रॉन्ट पिछले 2 साल से अधिक समय तक बंद ही रहे हैं। ऐसे में कई होटल और रेस्ट्रॉन्ट बंद हो चुके हैं तो कई बंद होने की कगार पर है। नैशनल रेस्ट्रॉन्ट असोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्य और युवा व्यापारी अंकित बंसल ने बताया कि वैसे तो कोविड-19 से हर एक सेक्टर प्रभावित हुआ है, लेकिन सर्वाधिक असर हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर पड़ा है।

उन्होंने बताया कि पूरे जीडीपी में लगभग 11% और कुल रोजगार का लगभग 8% सहयोग होने के बावजूद सरकार द्वारा इस सेक्टर को कुछ भी खास रिहायत न मिल सकने से होटल-रेस्ट्रॉन्ट बन्द होने के कगार पर हैं। पिछले साल से अब तक कुल 5 माह ही यह होटल आदि खुल सके हैं। इससे संचालकों ने राहत की सांस ली लेकिन इस बार फिर लगे लॉकडाउन ने होटल और रेस्ट्रॉन्ट संचालकों की कमर तोड़ कर रख दी है।

कारोबारी ने बताया कि अब इस सेक्टर का कुल कारोबार लगभग 10 से 15 प्रतिशत ही रह गया। लोगों के सामने मेंटिनेंस, लोन, ब्याज, किस्त, कारीगरों की तनख्वाह का बोझ चुकाने की समस्या एक बार फिर आ खड़ी हुई है। एक जून से लॉकडाउन में होम डिलीवरी और पैकिंग की जो छूट दी गई है, वह नाकाफी है। इससे कुछ भी फायदा इस उद्योग को नहीं मिल सकेगा। हालात इतने बदतर हैं कि इससे जुड़े कारीगर भी दूर किसी अन्य काम की खोज में लगे हुए हैं।

इस समय जरूरत है कि सरकार इस उद्योग से जुड़े लोगों को टैक्स, लोन, ब्याज आदि में राहत प्रदान करे। कारोबारियों ने मांग की है कि रेस्ट्रॉन्ट संचालकों को सहूलियत देने के लिए उन्हें कुल जमा किए गए जीएसटी का लगभग 80% तक लोन मुहैया करवाया जाए, जिसका एक साल का मोरेटोरियम पीरियड हो। साथ ही लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेन्स का पालन करने के नियमों के साथ होटल-रेस्ट्रॉन्ट खोले जाने की अनुमति दी जाए।

50 करोड़ का होटल कारोबारियों को घाटा
होटल श्री गोपाल के मालिक अंकित गर्ग ने कहा कि कोरोना काल में भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि हर महीने लाखों का नुकसान हुआ है। कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे होटल व्यवसाय को ठप कर दिया है। न तो होटल कर्मचारियों की पेमेंट निकल पा रही है और न ही किसी को होटल से निकाल सकते हैं। वहीं होटल अभिनंदन के मालिक सोनल ने बताया कि पिछले साल से अब तक एक करोड़ रुपये का होटल में नुकसान हुआ है। हर महीने करीब 7 लाख रुपये होटल मेंटीनेंस और कर्मचारियों की पेमेंट में ही खर्च हो जाता है। मथुरा की अगर होटल व्यवसाय में नुकसान की बात की जाए तो करीब 50 करोड़ रुपये का घाटा होटल कारोबारियों को हुआ है।

सरकार से होटल कारोबारियों की मांग
सरकार से होटल कारोबारियों ने मांग करते हुए कहा है कि अब सेक्टर का कुल कारोबार लगभग 10 से 15 प्रतिशत ही रह गया। लोगों के मेंटिनेंस, लोन, ब्याज, किस्त सरकार माफ कर दे। उन्होंने सरकार से ये भी मांग की है कि बिजली का बिल सबसे ज़्यादा आता है। बिजली के बिल में कुछ रियायत बरती जाए।

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