इंसानियत: वृंदावन में दो महिलाओं के शव लेने नहीं आए परिजन, लक्ष्मी गौतम ने बेटी बन किया अंतिम संस्कार

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तीर्थनगरी वृंदावन में फुटपाथ पर मृत मिलीं दोनों माताओं का रविवार की देर शाम यमुना तट स्थित मोक्षधाम पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। कनकधारा फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी गौतम ने बेटी बन महिलाओं की चिताओं को मुखाग्नि दी।

बता दें कि शुक्रवार की सुबह वृंदावन के परिक्रमा मार्ग पर संत कॉलोनी स्थित आनंद वाटिका और गौरी गोपाल आश्रम के बीच फुटपाथ पर दो महिलाओं के संदिग्ध अवस्था में शव मिले थे। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। महिलाओं की शिनाख्त 61 वर्षीय चंपा गुप्ता निवासी टीकेत गंज लखनऊ और 68 वर्षीय सुशीला निवासी बिहार के रूप में की गई। पुलिस ने दोनों शवों को मोर्चरी में रखवा दिया था। लखनऊ निवासी चंपा गुप्ता के परिवार का पता नहीं चल सका, जबकि बिहार निवासी सुशीला के परिजनों ने आने में असमर्थता जता दी।

रविवार को पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद कनकधारा फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी गौतम द्वारा एंबुलेंस से दोनों शवों को पोस्टमार्टम गृह से वृंदावन के वंशीवट स्थित मोक्षधाम लाया गया। यहां देर शाम दोनों का अंतिम संस्कार किया गया।
समाजसेवी डॉ. लक्ष्मी गौतम ने बेटी का फर्ज निभाते हुए दोनों महिलाओं की चिताओं को मुखाग्नि दी। कोतवाली प्रभारी सूरज प्रकाश शर्मा ने बताया कि चंपा देवी के लखनऊ स्थित निवास की जानकारी के लिए संबंधित टीकेत गंज थाने पर भी सूचना भेज दी गई थी, लेकिन उनके परिवार का पता नहीं चल सका।
बिहार निवासी सुशीला के परिवार ने यहां आने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने दोनों को पोस्टमार्टम कराया। रविवार की शाम पुलिस की मौजदूगी में दोनों का अंतिम संस्कार किया गया
बताया जाता है कि दोनों महिलाएं वृंदावन में कई दिनों से रह रही थीं। दिन में आश्रम में प्रसाद से पेट भरती और रात में फुटपाथ पर सो जाती थीं। दोनों महिलाओं की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।

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