चुस्ती-फुर्ती के ‘अग्निबाण’ से मारें दस बीमारियों का ‘रावण’

Health

चिकित्सक बोले, आरामदायक जीवनशैली के चलते दस बीमारियां हो रहीं खतरनाक
शारीरिक सक्रियता बढ़ाकर और नियमित व्यायाम से पाया जा सकता है इन पर काबू
इस बार दशहरे के त्योहार पर दस ऐसी बीमारियों के रावण पर विजय प्राप्त करने का संकल्प लें जो हमारी जीवन शैली ज्यादा ही आरामदायक हो जाने के चलते खतरनाक होती जा रही हैं। आलस्य, आराम को छोड़कर शारीरिक सक्रियता अपनाने से ये बीमारियां काबू में आ सकेंगी। चुस्ती-फुर्ती का अग्निबाण इन रोगों के दशानन को धू-धूकर जला देगा।

1. शुगर :: शुगर की बीमारी ने अब कम उम्र के युवाओं को भी तेजी के साथ अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। फिजीशियन ने बताया कि शारीरिक सक्रियता में कमी डायबिटीज यानि खून में शुगर की मात्रा बहुत बड़ा कारण बन रही है। रोजाना तेज कदमों के साथ पैदल चलना शुगर को नियंत्रित रखने में बहुत मददगार होगा।

2. हाइपरटेंशन : मौजूदा जीवनशैली ने हाइपरटेंशन यानि हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी का दायरा कितने खतरनाक रूप से बढ़ा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले में 13 लाख लोग रहे बीपी की दवा खाकर जी रहे हैं। यह सच नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट से सामने आया। जिले के 26 फीसदी पुरुष और 21 फीसदी महिलाएं रोजाना बीपी की गोली खा रहीं हैं। पांच लाख लोगों को गंभीर स्तर का हाइपरटेंशन है।

3. हार्ट अटैक : दिल की धड़कन खतरे में पड़ने का मर्ज बढ़ता जा रहा है। फिजीशियन ने बताया कि रोजाना दिन में दो बार हल्की कसरत दिल को दुरुस्त रखने में बहुत सहायक होगी। हृदयरोग विशेषज्ञ ने बताया कि नियमित रूप से पैदल चलने, योग-प्राणायाम के साथ ही कुछ मिनट मेडिटेशन यानि ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेना जरूरी है।

4. गठिया : घुटने और शरीर के अन्य जोड़ों में दर्द की समस्या गठिया यानि आर्थराइटिस है। हड्डी और जोड़ रोग विशेषज्ञ ने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए हमें शरीर की मेंटिनेंस यानि फिजिकल फिटनेस को उसी तरह अपनाना होगा जैसे हम अपनी गाड़ी की मेंटिनेंस पर ध्यान देते हैं। शारीरिक सक्रियता, पैदल चलना, सही मुद्रा में उठना-बैठना और खड़े होना बहुत जरूरी है।

5. सांस की बीमारी : कोरोना महामारी के दौरान संक्रमण की चपेट में आए तमाम लोगों के मौत के आगोश में समा जाने का सबब सांस लेने में गंभीर दिक्कत बनी। फिजीशियन ने बताया कि जो लोग सामान्य तौर पर शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय हैं। उन्हें कोरोना संक्रमण होने पर सांस लेने में तकलीफ होने के मामले नहीं के बराबर सामने आए।

6. एसिडिटी-गैस : फिजीशियन ने बताया कि वर्तमान में एसिडिटी, जलन और गैस की समस्या आम हो गई है। हर दूसरा शख्स इससे पीड़ित है। घंटों एक ही जगह बैठे रहने वालों को एसिडिटी, पेट में जलन, गैस की समस्या अधिक परेशान कर रही है। शारीरिक सक्रियता बढ़ने से पाचन तंत्र अच्छी तरह काम करता है, जिससे एसिडिटी गैस की समस्या कम होती है। अधिकांश लोग नियमित रूप से एसिडिटी की दवा खा रहे हैं।

7. अनिद्रा : मनोरोग विशेषज्ञ ने बताया कि काफी बड़ी संख्या में लोग अनिद्रा की बीमारी से पीड़ित हैं और मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। देर रात तक नींद नहीं आने का एक बड़ा कारण मन पर किसी चिंता के हावी होने के साथ ही शारीरिक सक्रियता में कमी होना है। दिन भर अच्छा शारीरिक परिश्रम करने पर रात को खूब अच्छी नींद आती है। आधे से एक घंटे तक तेज वॉकिंग आदि व्यायाम से अनिद्रा की समस्या में राहत मिलती है।

8. डिप्रेशन : मानसिक स्वास्थ्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि अवसाद से बचे रहने में व्यायाम बहुत कारगर है। नियमित रूप से कसरत करने वाले लोग अमूमन डिप्रेशन से बचे रहते हैं। व्यायाम करने से हमारे दिमाग में अच्छे न्यूरो हार्मोन का स्राव होता है जो अवसाद से बचाता है। अवसाद पीड़ित मरीजों को दवा लेने के साथ ही रोजाना आधे घंटे या इससे ज्यादा समय टहलने को जरूर कहा जाता है।

9. मोटापा : फिजीशियन ने बताया कि स्कूली बच्चे भी बहुत तेजी से मोटापे की गिरफ्त में आ रहे हैं। खेलकूद में कमी वजह है। 14 साल और अधिक उम्र के बच्चे हाई बीपी से भी पीड़ित हो रहे हैं। खाने से मिलने वाली कैलोरी को अधिक से अधिक खर्च करना भी जरूरी है। शारीरिक रूप से ज्यादा से ज्यादा सक्रिय होने पर ही यह संभव है। कैलोरी जितनी ज्यादा बचेगी मोटापा उतना ही तेजी से बढ़ेगा। मोटापा कई रोगों की जड़ है।

10. मानसिक तनाव : थोड़ी सी ही समस्या आने पर लोगों में तनाव के हावी होने की समस्या बढ़ रही है। मनोरोग विशेषज्ञ ने बताया कि दिमाग में चिड़चिड़ापन पैदा करने वाले रसायन का स्राव बढ़ना तनाव का प्रमुख कारण है। आरामदायक जीवनशैली से शरीर में खून का दौरा घट जाता है। व्यायाम से शरीर और दिमाग में खून का दौरा बढ़ने के साथ ही खुशी और शांति देने वाले न्यूरो रसायन सेरेटोनिन का स्राव बढ़ता है, जिससे तनाव घटने लगता है।

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