जानिए: क्यों मनाया जाता है भाई दूज!

नई दिल्ली। भाई दूज का त्यौहार दिवाली के तीन दिन बाद मनाया जाता है. आज भाई दूज है। भाई दूज भाई बहन का त्यौहार है. भाई दूज के दिन बहनें भाई के सेहतमंद जीवन और लंबी की कामना के साथ व्रत करती हैं. इस दिन बहनें भाई के लिए मंगलकामना करते हुए रोली से उनका टीका करती हैं. इसके बाद वो भाई को मिठाई खिलाती हैं और फिर इसके बाद ही खाना खाती हैं. आइए जानते हैं भैया दूज की कथा/कहानी…

भाई दूज की कथा/कहानी:
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य की संज्ञा से दो संतानें थीं एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना. संज्ञा सूर्य का तेज सहन न कर पाने के कारण अपनी छायामूर्ति का निर्माण कर उसे ही अपने पुत्र-पुत्री को सौंपकर वहां से चली गई. छाया को यम और यमुना से किसी प्रकार का लगाव न था, लेकिन यम और यमुना में बहुत प्रेम था.

यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्यार करते थे, लेकिन ज्यादा काम होने के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते. एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए मिलने चले गए. यमुना अपने भाई को देख खुश हो गईं. भाई के लिए खाना बनाया और आदर सत्कार किया.

बहन का प्यार देखकर यमराज इतने खुश हुए कि उन्होंने यमुना को खूब सारे भेंट दिए. यम जब बहन से मिलने के बाद विदा लेने लगे तो बहन यमुना से कोई भी अपनी इच्छा का वरदान मांगने के लिए कहा. यमुना ने उनके इस आग्रह को सुन कहा कि अगर आप मुझे वर देना ही चाहते हैं तो यही वर दीजिए कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आएं और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे. कहा जाता है इसी के बाद हर साल भाईदूज का त्योहार मनाया जाता है.

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