लेवाना की आग की जांच मथुरा तक पहुंची, होटलों और तीन सौ वर्ग मीटर पर बने भवनों का होगा सर्वे

गड़बड़ी मिलने पर अफसर और इंजीनियरों पर गिरेगी गाज

महेश वार्ष्णेय
मथुरा। लखनऊ में करप्शन की नींव पर बने लेवाना सुइट्स होटल में लगी आग के दौरान चार लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तल्ख तेवर दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से लेवाना के अवैध निर्माण को लेकर दोषी अधिकारी और इंजीनियरों के बारे में रिपोर्ट मांगी। साथ ही अब पूरे प्रदेश में होटलों के अलावा 300 वर्ग मीटर से अधिक भूमि पर बने बड़े भवनों का सर्वे कराने के साथ ही उनके मानचित्र की जांच करने को कहा गया है।

इस संबंध में प्रमुख सचिव (आवास) नितिन रमेश गोकर्ण की ओर से सभी विकास प्राधिकरणों को पत्र भेज दिया गया है। विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद की आवासीय योजनाओं में बने बड़े भवनों का भी सर्वे कराने को कहा गया है।

सर्वे के दौरान देखा जाएगा कि संबंधित भवन का निर्माण नक्शे के अनुरूप कराया गया है या नहीं। साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग संबंधी व्यवस्थाओं की भी जांच की जाएगी। इसके अलावा भवन निर्माण उपविधि और मानक के मुताबिक भवनों का निर्माण न कराने वाले भवन स्वामियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। व्यावसायिक भवनों की जांच में सभी जरूरी मानकों और विभिन्न विभागों से लिए अनापत्ति प्रमाण पत्रों की भी जांच की जाएगी।

प्रमुख सचिव ने होटलों व बड़े भवनों के सर्वे के दौरान अवैध निर्माणों के अलावा आग लगने के दौरान सुरक्षा से संबंधित प्रबंधों और आग लगने के लिहाज से संवेदनशील बिंदुओं की खास तौर से जांच करने को कहा है। अवैध निर्माण की पुष्टि होने पर उस क्षेत्र में तैनात अभियंताओं के अलावा अधिकारियों की सूची भी तैयार की जाएगी, ताकि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। लखनऊ से आए पत्र की खबर को लेकर मथुरा जिले में नया निर्माण कराने वालों में खलबली मच गई है। यदि सही ढंग से जांच प्रक्रिया अपनाई गई तो मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना आदि क्षेत्रों में गड़बड़ी पकड़ में आएगी। फिर नपेंगे तो अधिकारी और इंजीनियर।

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