नन्ही परी ईशानी को फ्री में लगा 16 करोड़ का इंजेक्शन, इस बीमारी से जूझ रही है बच्ची

मेरठ। 21 महीने की नन्ही परी मेरठ की ईशानी को 16 करोड़ का निशुल्क इंजेक्शन लगा दिया गया है। एम्स (AIIMS) में निशुल्क इलाज के लिए बच्ची का चयन हुआ और फिर उसे करोड़ों का निशुल्क इंजेक्शन लगा दिया गया। एम्स में भर्ती बच्ची को ग्लोबल मैनेज्ड एसेस प्रोग्राम के तहत उसे इलाज मिल गया। मेरठ की बच्ची ईशानी स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी टाईप टू की बीमारी से जूझ रही है। ईशानी के पिता अभिषेक ने न्यूज़ चैनल को फोन पर बताया कि फिलहाल बिटिया छह महीने तक डॉक्टरों की निगरानी में रहेगी। उसका नियमित रुप से स्वास्थय का परीक्षण होगा।

ईशानी के पिता ने बताया कि दवा निर्माता कम्पनी हर साल 100 बच्चों को निशुल्क इलाज के लिए चयनित करती है। ईशानी के पिता अभिषेक का कहना है कि वो इसके लिए दवा निर्माता कम्पनी और डॉक्टरों को तहे दिल से धन्यवाद देते हैं। उन्होंने बताया कि बच्ची के पास महज़ तीन महीने का वक्त और रह गया था। उसका इलाज जनवरी से चल रहा है। इलाज के लिए सोलह करोड़ के इंजेक्शन की ज़रुरत थी। जिसके लिए कई संस्थाओं ने मदद की, लेकिन ये ज़रुरी फंड काफी कम रह गया। इसी बीच इशानी का चयन नोवार्टिस कम्पनी के कार्यक्रम के अंतर्गत हो गया. बच्ची को सोलह करोड़ का इंजेक्शन तो लग गया है लेकिन उसके पास जाने की अनुमति किसी को नहीं है।

क्या है स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी बीमारी
स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी बीमारी से शऱीर में प्रोटीन बनने वाले जीन एक्टिव नहीं होते हैं। जिससे मांसपेशियों और नर्वस सिस्टम नाकाम होने लगता है। दिमाग की मांसपेशियां निष्क्रिय होने लगती हैं। इसके इलाज के लिए स्वीटज़रलैंड की कम्पनी ने विशेष इंजेक्शन बनाया है। यह एक प्रकार की जीन थेरेपी है। यह शरीर में सक्रिय खराब जीन को हटा देता है। ईशानी के माता-पिता और दादा-दादी ने मेरठवासियों की प्रार्थना के लिए आभार जताया है। गौरतलब है कि न्यूज़ चैनल ने बीती फरवरी महीने में इस ख़बर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

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