महाराष्ट्र: पांच महीने बाद कोरोना के 11 हजार से ज्यादा नए केस, औरंगाबाद में नाइट कर्फ्यू

मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का प्रकोप एक बार फिर तेजी से फैलता जा रहा है। महाराष्ट्र में करीब 5 महीने बाद एक दिन में 11 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र में 11,141 मामले सामने आए जबकि इस अवधि में 38 लोगों की मौत हुईं इससे पहले महाराष्ट्र में 16 अक्टूबर को इतने अधिक मामले दर्ज किए गए थे। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बीते एक दिन में 6,013 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 22,19,727 हो गई है जबकि ठीक होने वालों का आंकड़ा 20,68,044 पहुंच गया है।

वहीं बढ़ते मामलों के चलते औरंगाबाद में 11 मार्च से नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया गया है। महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को इसकी घोषणा की। शिंदे ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए संभाजीनगर (औरंगाबाद) में 11 मार्च से 4 अप्रैल तक रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया जाएगा. वहीं वीकेंड्स पर संपूर्ण लॉकडाउन लगाया जाएगा. इस दौरान सभी स्कूल, कॉलेज, शादी के हॉल बंद रहेंगे।

महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे मामलों की स्थिति पर केंद्र ने शनिवार को कहा था कि महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी का कारण महामारी के प्रति लोगों की उदासीनता और बीमारी का डर नहीं होना है। साथ ही उसने राज्य सरकार से कहा कि इसे लेकर कोताही नहीं बरतें।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक, महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की बीमारी का इलाज करा रहे लोगों की संख्या 90 हजार से अधिक है।

सरकार की तरफ से साझा की गई रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘मामलों में बढ़ोतरी का निश्चित कारण पता नहीं है क्योंकि कोविड-19 से जुड़े आचरण में कमी केवल एक राज्य तक सीमित नहीं है। संभावित कारक बीमारी का भय नहीं होना, महामारी के प्रति उदासीन होना और हाल में ग्राम पंचायतों के चुनाव, शादी के मौसम, स्कूल खुलने आदि के कारण भीड़ के एकत्रित होने और सार्वजनिक परिवहन में भीड़भाड़ बढ़ना हो सकता है.’’ उसने राज्य को संक्रमितों के संपर्क में आने वालों का पता लगाने, निगरानी और जांच करने और प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी।

केंद्र ने कहा, ‘‘कोताही नहीं बरतें. निगरानी, संक्रमितों के संपर्क में आने वालों का पता लगाने और जांच के मूल नियमों का पालन करें। सूक्ष्म योजनाएं बनाएं और प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें। गृह पृथक-वास सुनिश्चित करें, हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सौ फीसदी आबादी की जांच करें और प्रसार पर रोक लगाने के लिए संक्रमितों को पृथक करें।

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