मुंबई: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए लगने वाला पाबंदियों का दौर!

मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देख सरकार चिंता में है। संभावना जताई जा रही है कि मंगलवार से मुंबई और कुछ इलाकों में पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। इस बार के प्रतिबंधों में दफ्तरों में उपस्थिति के नए तरीके, धार्मिक स्थलों पर भीड़ का नियंत्रण और सामाजिक कार्यक्रमों को लेकर नए नियम सामने आ सकते हैं। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लॉकडाउन को लेकर प्रदेशवासियों को पहले ही चेतावनी दे चुके हैं। साथ ही उन्होंने कोविड नियमों के सख्त पालन के निर्देश दिए हैं।

शनिवार को नागपुर में सबसे ज्यादा 1828 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद मुंबई में 1709, पुणे शहर में 1667 और नाशिक में 1522 मरीज मिले। राज्य के सबसे प्रभावित जिलों में मुंबई, पुणे, नागपुर, नाशिक और ठाणे का नाम शामिल है। वहीं, 15 हजार 602 नए मरीजों ने राज्य में चिताएं बढ़ा दी हैं. हालांकि, महाराष्ट्र के अलावा देश के दूसरे राज्यों में भी कोरोना वायरस पैर पसार दिख रहा है। इन राज्यों को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट है।

सीएम ठाकरे ने राज्य में होटल और रेस्टोरेंट्स से कोविड नियमों के पालन की बात कही है। साथ ही उन्होंने चेतावनी है कि लॉकडाउन लागू करने के लिए मजबूर न किया जाए. सीएम ने हाल ही में होटल और रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन्स के प्रतिनिधियों से वर्चुअल मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने महामारी के दौरान लोगों के लापरवाह रवैये का जिक्र किया. साथ ही उन्होंने इसे आखिरी चेतावनी दी है।

ठाकरे ने कहा, ‘हमें लॉकडाउन लगाने के लिए मजबूर न करें। इसे आखिरी चेतावनी समझें। नियमों का पालन करें. सभी को यह समझना होगा कि आत्म-अनुशासन और पाबंदियों में फर्क होता है।’ ठाकरे आगामी मंगलवार को राज्य की कोविड-19 टास्क फोर्स के साथ बैठक करने जा रहे हैं। साथ ही वे डिप्टी सीएम अजित पवार, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और मुख्य सचिव सीताराम कुंटे से भी चर्चा करेंगे।

महाराष्ट्र के कई इलाकों में आंशिक लॉकडाउन और पाबंदियां जारी हैं। वहीं, माना जा रहा है कि सीएम मंगलवार को माइक्रो लॉकडाउन के लिए नए नियम और कंटेनमेंट जोन की घोषणा कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि टास्क फोर्स ने राज्य सरकार से कॉलोनियों में वैक्सीन केंद्रों को बढ़ाने और घर-घर जाकर टीका की सेवा देने की अपील की है। बढ़ते मामलों के बीच एक राहत की खबर कम मृत्यु दर है। मुंबई में इसका आंकड़ा 0.5 और महाराष्ट्र में 2.5 फीसदी है।

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