दिल्ली में लागू हो सकता है ‘मुंबई मॉडल’!, स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारियों ने किया दौरा

मुंबई
कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित मुंबई ने पहली व दूसरी लहर का जिस सफलता पूर्वक सामना किया, उसकी देश- दुनिया में सराहना हो रही है। उसी से प्रभावित होकर दिल्ली सरकार अपने यहां तीसरी लहर में कोरोना से निपटने के लिए ‘मुंबई मॉडल’ को लागू कर सकती है। मुंबई ने किस तरह कोरोना से जंग जीती, उसका अध्ययन करने के लिए दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारी डॉ. संजय अग्रवाल व डॉ. धर्मेंद्र कुमार पिछले दिनों मुंबई आए थे।

उन्हें यहां कोरोना से कैसे निपटा जा रहा है, उसकी सविस्तार जानकारी उपलब्ध कराई गई। इसके तहत वॉर्ड वॉर रूम के जरिए बेड मैनेजमेंट, ऑक्सिजन की आपूर्ति व कोविड सेंटर निर्माण कर उसमें मरीजों का कैसे इलाज किया जा रहा है, इसकी संपूर्ण जानकारी दी गई। इसे दिल्ली सरकार ने अपने यहां लागू कर सकती है। बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि दोनों ने गोरेगांव स्थित जंबो कोविड सेंटर व सेवन हिल्स हॉस्पिटल का दौरा कर मरीजों का किस तरह इलाज किया जा रहा है, उसका जायजा लिया।

दिल्ली की टीम ने वॉर्ड वॉर रूम से कैसे काम होता है? मरीजों के लिए कैसे बेड अलॉटमेंट किया जाता है? इसकी जानकारी हासिल करने के लिए ग्रांट रोड व अंधेरी पूर्व के वॉर्ड वॉर रूम का दौरा किया। जिस व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उसकी सबसे पहले रिपोर्ट वॉर्ड वॉर रूम को मिलती है। उसके बाद फोन से उससे संपर्क किया जाता है और व्यक्ति का मार्गदर्शन किया जाता है। आवश्यकता के अनुसार बीएमसी की टीम उसके घर जाती है और उसकी मेडिकल जांच करती है। आवश्यकता होने पर उसे प्राइवेट या सरकारी अस्पताल में एडमिट कराया जाता है। दिल्ली की टीम ने पूरी प्रक्रिया देखी व समझी और काम के तरीके की तारीफ की।

ऑक्सिजन व्यवस्था बनाए रखने के सीखे गुर
दूसरी लहर जब पीक पर थी, तब दिल्ली के कई अस्पतालों में ऑक्सिजन खत्म होने के कारण कई मरीजों की मौत हो गई थी। मुंबई के सेवन हिल्स हॉस्पिटल में 1800 बेड पर 18 मीट्रिक टन ऑक्सिजन की आपूर्ति की जाती है, जबकि दिल्ली में 1800 बेड वाले हॉस्पिटल में प्रतिदिन 32 मीट्रिक टन ऑक्सिजन लगता है। दिल्ली की टीम ने इसकी भी पूरी जानकारी ली कि ऑक्सिजन का बेहतर इस्तेमाल कैसे किया जाए?

कम समय में तैयार बनाए जंबो कोविड सेंटर
कोरोना संकट को देखते हुए मुंबई में काफी कम समय में मरीजों के इलाज के लिए जंबो कोविड सेंटर तैयार किए गए, जिसका काफी फायदा मिला। मुंबई के 6 जंबो कोविड सेंटर में 8915 बेड व 4 हजार से अधिक डॉक्टर, नर्स व मेडिकल टीम कार्यरत हैं। दिल्ली की टीम ने नेस्को जंबो कोविड सेंटर का दौरा कर वहां की सुविधा के बारे में जाना। वहां डेली5 बेड, आईसीयू बेड कैसे काम कर रहे हैं इसकी भी जानकारी ली।

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