खेती के लिए मिली नई उड़ान: पीएम मोदी ने 100 शहरों के लिए किसान ड्रोन को दिखाई झंडी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 100 शहरों के लिए किसान ड्रोन को हरी दी। कार्यक्रम वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये हुआ। यह एक ऐसी योजना है, जो खेती-किसानी में एक नई क्रांति ला देगी। कीटनाशकों के छिड़काव से लेकर दूसरी अन्य सुविधाएं इससे मिलेंगी। देखिए वीडियो PM मोदी ने क्या कहा…

नागर विमानन मंत्रालय ने भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को ड्रोन के इस्तेमाल को मंजूरी दी है। इसकी सहायता से 100 जिलों के कृषि क्षेत्र में रिमोट से सैमसंग डाटा एकत्र किया जाएगा। इससे ग्राम पंचायत स्तर पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत उपज अनुमान के लिए एकत्रित किया जाएगा। ड्रोन के इस्तेमाल से फसलों के प्रति हेक्टेयर उत्पादन और उनके बारे में सटीक जानकारी जुटाई जा सकेगी। इससे फसलों में सुधार और पैदावार बढ़ाने में मदद मिलेगी।

 

इस मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर नीतियां सही हैं, तो देश कितनी ऊंची उड़ान भर सकता है, आज का दिवस इसका बड़ा उदाहरण है। मोदी ने कहा कि कुछ साल पहले तक जब ड्रोन का नाम लिया जाता था, तो लगता था कि ये सेना से जुड़ी कोई व्यवस्था है ये दुश्मनों से निपटने की योजना है। मोदी ने कहा कि देश के लिए यह समय आजादी के अमृतकाल का समय है। ड्रोन को लेकर भारत ने आशंकाओं पर समय नहीं गंवाया। ड्रोन का विविध उपयोग किया जा रहा है। ड्रोन के जरिये दवाओं की आपूर्ति हो रही है। मछली पालन से जुड़े लोग ताजा मछली बाजारों में भेज सकते हैं।

दिसंबर, 2021 में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फसल की सुरक्षा के लिए कीटनाशक के प्रयोग तथा मिट्टी एवं फसल के पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए ड्रोन के इस्तेमाल हेतु मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की थी। इसका उद्देश्य इस साल में किसान की आय को दोगुना करना है। बता दें कि देश के विभिन्न राज्यों में टिड्डियों के हमलों को रोकने के लिए पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था।

ड्रोन नियम 2021 बनने के बाद अब इसका इस्तेमाल कृषि के कई क्षेत्रों में किया जा सकता है, जैसे फसल के दबाव की निगरानी, पौधों की वृद्धि, पैदावार की भविष्यवाणी, खरपतवार नाशक, उर्वरक तथा पानी जैसी सामग्रियों का वितरण करना। किसी भी वनस्पति या फसल के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा सकता है, खरपतवार, संक्रमण तथा कीटों से प्रभावित क्षेत्र और इस आकलन के आधार पर, इन संक्रमणों से लड़ने के लिए आवश्यक रसायनों का सटीक मात्रा में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे किसान की कुल लागतमें काफी कमी की जा सकती है। कई स्टार्ट-अप्स द्वारा ड्रोन प्लांटिंग सिस्टम भी विकसित किए गए हैं, जो ड्रोन को पॉड्स, उनके बीजों को शूट करने तथा मिट्टी में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को स्प्रे करने की सुविधा देते हैं। इस प्रकार, यह तकनीक लागत को कम करने के अलावा फसल प्रबंधन की निरंतरता और दक्षता को बढ़ाती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 18 फरवरी, 2016 को मध्य प्रदेश के सीहोर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की शुरूआत की घोषणा के 6 वर्ष पूरा होने के बाद इस योजना ने आगामी खरीफ 2022 सीज़न के साथ अपने कार्यान्वयन के 7वें वर्ष में सफलतापूर्वक प्रवेश किया है। पीएमएफबीवाई भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल के नुकसान/क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। पीएमएफबीवाई के तहत 36 करोड़ से अधिक किसानों का बीमा किया गया है। 4 फरवरी, 2022 तक इस योजना के तहत 1,07,059 करोड़ रुपये से अधिक के दावों का भुगतान किया जा चुका है।

 

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