अब पकड़ी जाएगी गौशालाओं की गड़बड़ी, डीएम ने नोडल अधिकारियों की रोजाना लगाई ड्यूटी

संवाददाता

यूनिक समय, मथुरा। कलेक्टे्रट सभागार में गोवंश आश्रय स्थलों को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए  जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने कहा कि गोवंश आश्रय स्थलों में किसी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए। नोडल अधिकारी हर सप्ताह आश्रय स्थलों का निरीक्षण करें। इस दौरान मिलने वाली कमियों को तत्काल दूर कराना सुनिश्चित करें। पशुओं का टीकाकरण भी कराया जाना अनिवार्य है।

मवेशियों की जीओ टैगिंग तत्काल पूरी कराई जाए। गोवंश आश्रय स्थलों से निकलने वाले गोबर का इस्तेमाल कंपोस्ट खाद बनाने में किया जाना चाहिए। उन्होंने एक सप्ताह के अन्दर सभी गौआश्रय स्थलों पर ठण्ड से बचाव के कार्य पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे।

श्री चहल ने कहा कि ग्राम मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पंचायत राज अधिकारी, ग्राम प्रधान और गांव के संभ्रांत लोगों संग समन्वय स्थापित कर बेसहारा पशुओं को पकड़कर आश्रय स्थलों तक पहुंचाए। इसके बाद ग्राम प्रधानों से गांव में बेसहारा पशुओं के न होने के बाबत प्रमाण पत्र प्राप्त करें।

जिलाधिकारी ने गौवंश आश्रय स्थलों की खराब प्रगति मिलने पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश सिंह पवार, खण्ड विकास अधिकारी राया, छाता तथा नन्दगांव पर विशेष नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि नामित सभी नोडल अधिकारी सांय 05 बजे के बाद गौवंश आश्रय स्थलों का निरीक्षण करेंगे और किस आश्रय स्थल में मौके पर कितनी गाय हैं और रजिस्टर में कितनी दर्ज हैं। बैठक में अनुपस्थित रहने पर बीएसए का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिये हैं।

 

 

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