विरोध: किसानों ने सड़क पर लिखा धारा—288 बोले—हम उधर नहीं जाएंगे, पुलिस भी इधर न आए

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सोमवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया। हालांकि, विरोध प्रदर्शन के बीच गुरु नानक जयंती के मौके पर आस्था के रंग भी देखने को मिले और प्रदर्शन स्थल पर गुरबानी और शबद की गूंज सुनने को मिली।

एक राज्य में किसानों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ
एक राज्य में तो वहां की सरकार, अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते आज भी किसानों को इस योजना का लाभ नहीं लेने दे रही है। देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधी मदद दी जा रही है। अब तक लगभग 1 लाख करोड़ रुपए किसानों तक पहुंच भी चुका है-पीएम मोदी

पहले MSP के नाम पर किसानों के साथ छल होता था- पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि MSP तो घोषित होता था, लेकिन MSP पर खरीद बहुत कम की जाती थी। सालों तक MSP को लेकर छल किया गया। किसानों के नाम पर बड़े-बड़े कर्जमाफी के पैकेज घोषित किए जाते थे, लेकिन छोटे और सीमांत किसानों तक ये पहुंचते ही नहीं थे। यानि कर्ज़माफी को लेकर भी छल किया गया।

किसानों के आशंकित होने के पीछे इतिहास
जब इतिहास छल का रहा हो, तब 2 बातें स्वभाविक हैं. पहली ये कि किसान अगर सरकारों की बातों से कई बार आशंकित रहता है तो, उसके पीछे दशकों का इतिहास है। दूसरी ये कि जिन्होंने वादे तोड़े, छल किया, उनके लिए ये झूठ फैलाना मजबूरी बन चुका है कि जो पहले होता था, वही अब भी होने वाला है-पीएम मोदी

किसानों ने सड़क पर लिखा धारा-288
गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने जमीन पर धारा-288 लिख दिया है. इसका उद्देश्य है कि जब प्रशासन धारा-144 लगा सकता है, तो हम किसान धारा 288 लगा सकते हैं. प्रशासन इधर न आए और हम उधर नहीं जाएंगे।

गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने जमीन पर धारा-288 लिख दिया है, इसका उद्देश्य है कि जब प्रशासन धारा-144 लगा सकता है तो हम किसान धारा 288 लगाते हैं। प्रशासन इधर न आये और हम उधर नहीं जाएंगे।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*