कर्नाटक के ‘नाटक’ से जोश में विपक्ष, ममता-माया-अखिलेश से लेकर नायडू तक गदगद

नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से कर्नाटक में जारी सियासी ड्रामे की बीच ढ़ाई दिन की येदियुरप्पा की सरकार को बहुमत का जुगाड़ नहीं पाने के बाद फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा देना पड़ा। येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद राज्य में कुमारस्वामी की अगुआई में जेडीएस-कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। लेकिन बीजेपी की इस हार ने तमाम विपक्षी पार्टियों को एकजुट होने का मौका दे दिया है। विपक्षी दलों के तमाम बड़े नेताओं ने इस घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
कर्नाटक में बीजेपी सरकार गिरने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश और देश के लोगों और संवैधानिक संस्थाओं से ऊपर नहीं हैं। मोदी का रवैया लोकतांत्रिक नहीं, बल्कि तानाशाही वाला है।
वहीं तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर इसे लोकतंत्र की जीत बताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘लोकतंत्र की जीत है। कर्नाटक को बधाई। देवगौड़ा जी, कुमारस्वामी जी, कांग्रेस और अन्य को बधाई.’ रीजनल फ्रंट की जीत है।’
वहीं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने ट्विट कर कहा कि सत्य को कभी भी हराया नहीं जा सकता। सत्य हमेशा झूठ को हराता रहा है।
उधर दिल्ली से कांग्रेस को बेदखल करने वाले अरविंद केजरीवाल भी गदगद दिखे। उन्होंने ट्विट कर कहा कि बीजेपी की कर्नाटक में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश नाकाम हो गई। सत्ता के प्रति बीजेपी की लालसा का पर्दाफाश हुआ है। क्या बीजेपी इस घटना से कोई सबक लेगी।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्विट कर कहा कि आज का दिन भारतीय राजनीति में धनबल की जगह जनमत की जीत का दिन है।
येदियुरप्पा के इस्तीफे पर यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि ‘यह कर्नाटक के लिए बड़ा झटका है, मैं समझती हूं कि उनकी 2019 को लेकर तैयार की गई रणनीति फेल हो गई है। उन्हें अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘बीजेपी ने सरकारी मशीनरी का जमकर दुरुपयोग किया। राज्यपाल को स्वतंत्र तरीके से काम नहीं करने दे रही बीजेपी। साथ ही उन्होंने राज्यपाल से इस्तीफा भी मांगा।
पूरे घटनाक्रम पर सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि बीजेपी की भ्रष्ट और आपराधिक रणनीति की हार मिली। यह दिखाता है कि कर्नाटक में जनादेश के खिलाफ जाकर राज्यपाल का बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता देना संवैधानिक मर्यादाओं के खिलाफ है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*