पेरेंट्स ​टिप्स: बच्चे बनेंगे क्रिएटिव और कूल, भूल जाएंगे शैतानी

नई दिल्ली। कई पेरेंट्स ऐसे हैं जो व्यस्तता के चलते अपने बच्चों के साथ पर्याप्त समय नहीं बिता पाते हैं या कई बार बच्चे के जिज्ञासावश पूछने पर भी कोई जवाब नहीं दे पाते हैं। कोरोना वायरस के दौरान सभी घरों में रहते हैं और बच्चों के पास भी ज्यादा कुछ करने को नहीं है। बच्चे अधिकतर गैजेट्स में ही उलझे रहते हैं। यहां कुछ अन्य चीजें बताई गई है जिनसे आप अपने बच्चे को क्रिएटिव बनाने के साथ साथ व्यस्त भी रख सकते हैं।

आर्ट और क्राफ्ट: अपने बच्चे की उम्र के अनुसार उपयुक्त कला और शिल्प लेकर बच्चे को उससे संबंधित गतिविधियों में शामिल करें। उनकी प्रशंसा करें और उन्हें अपने कौशल में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करें। परफेक्शन की अपेक्षा न करें, बल्कि उनके प्रयास को स्वीकार करें। ड्राइंग और पेंटिंग, क्ले मॉडलिंग, पेपरक्राफ्ट और ओरिगामी, बीडवर्क आदि में बच्चे को व्यस्त रख सकते हैं।

किताबें: अपने बच्चों का किताबों की दुनिया से परिचय कराएं। काल्पनिक कहानियों, तथ्तो, फिक्शन आदि किताबों की अहमियत बच्चों को समझाते हुए उन्हें पढ़ने के लिए भी उपलब्ध कराएं। साथ में ले जाकर उन्हें किताब चुनने के लिए कहें. रोजाना किताब पढ़ने की आदत डालना और भी ज्यादा बेहतर है। अगर बच्चा छोटा है और नहीं पढ़ सकता, तो आप पढ़कर बताएं।

कुकिंग: खाना बनाने और अन्य कामों में बच्चे को शामिल कर सकते हैं. सब्जियां धोने से लेकर रोटी बेलने तक के कामों को छोटे बच्चे चाव से करते हैं। उन्हें ऐसा करना अच्छा भी लगता है। उनकी गलत चीजों को सही करें और काम की तारीफ करें। इससे बच्चों को सीखने में मदद मिलेगी और एक ऐसी स्किल साथ में जुड़ जाएगी जो जीवन भर काम आएगी।

पजल सोल्विंग गेम: मष्तिष्क का व्यायाम करने से यह तेज और विकसित होता है। ऐसी एक्टिविटीज चुनें जो बच्चों को व्यस्त रखे और दिमागी तौर पर तेज बनाए। हालांकि मुश्किल चीजें देने से वे ऊब सकते हैं इसलिए गेम दिलचस्प होना भी जरूरी है। रूबिक क्यूब, ब्रेन गेम्स और पज़ल्स, वर्ड गेम्स, क्रॉसवर्ड पज़ल्स, सुडोकू और मैथ्स और अन्य लॉजिक पज़ल्स जैसे गतिविधियों से चुन सकते हैं।

म्यूजिक और डांस: संगीत से बच्चा आगे बढ़ सकता है, डांस कर सकता है और मन भी इससे खुश रहता है. अगर बच्चा बोरियत महसूस करता है, तो उसे पसंदीदा गाने को बजाकर नाचने के लिए कह सकते हैं. संगीत मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा देता है. संगीत सुनने और नाचने से तनाव कम करने में भी मदद मिलती है।

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