पाटियाला हिंसा का मास्टर माइंड गिरफ्तार, जिसने चलवाईं तलवारें, सरेआम गर्दन काटने की दी धमकी

दो दिन पहले शुक्रवार को पटियाला में दो समूहों के बीच हुई हिंसा करवाने वाले मास्टरमाइंड बरजिंदर सिंह परवाना को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने इस बारे में खुलासा किया है कि शिवसेना के खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च के दौरान परवाना ने ही सिख प्रदर्शनकारियों को लेकर हंगामा करवाया था। इतना ही नहीं जब दोनों गुटों के लोग हथियार और पत्थरबाजी करने लगे तो वह वहां से भाग निकला। हालांकि पुलिस ने उसे आज सुबह करीब 7 बजे मोहाली से अरेस्ट कर लिया है।

दरअसल, पंजाब पुलिस ने पटियाला हिंसा के मामले में दो दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला र्दज किया है। इन सबका मुखिया परवाना है जिसकी तलाश के लिए पुलिस जगह-जगह तलाश कर रही थी। रविवार सुबह पुलिस इंस्पेक्टर शमिंदर सिंह के नेतृत्व में सीआईए पटियाला की टीम ने उसे मोहाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है कि वह फ्लाइट से भागने वाला था, इससे पहले पुलिस ने उसे दबोच लिया।

बता दें कि बरजिंदर सिंह परवाना हार्डकोर अपराधी है। उसके खिलाफ अटेंप्ट टू मर्डर के 2 केस चल रहे हैं। इसके अलावा वह दिल्ली बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन में भी शामिल रहा। वह पंजाब के सिख धार्मिक नेताओं में से एक है, जो दमदमी टकसाल जत्था राजपुरा प्रमुख है। उसकी पहचान भड़काऊ भाषण देने वाले नेता को रूप में पहचान होती है।

परवाना सिख आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले को अपना आर्दश मानता है। वो आए दिन सोशल मीडिया पर हिंसक और विवादित बयानों वाले विडियो भी शेयर करता रहता है। कुछ दिन पहले उसने धमकी देते हुए कहा था कि कुछ लोग खुद को हिंदू धर्म का अंग मानते हैं लेकिन हम नहीं मानते। वह पंजाब का माहौल खराब करना चाहते हैं। इसी दौरान उसे एक पोस्ट डाली कि 29 अप्रैल को खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च निकाला जाएगा। साथ ही कहा था कि ‘खालिस्तान मुर्दाबाद’ अगर कोई मेरे सामने कहेगा तो, उसकी गर्दन काट दूंगा।

1984 में जन्मे बरजिंदर सिंह परवाना मूल रुप से गगन चौक के नजदीक गुरू गोबिंद सिंह नगर का रहने वाला है। वह परवाना कट्‌टरपंथी ख्यालों का व्यक्ति है। उसने स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। बीए करने के बाद वह 2007में सिंगापुर चला गया था। वहां करीब वो 18 महीने रहा फिर भारत लौट आया। यहां आकर वो सोशल मीडिया प्रोफाइल पर ज्यादातर आतंकी गतिविधियों संबंधित पोस्ट शेयर करने लगा। फिर उसने दमदमी टकसाल जत्था राजपुरा की स्थापना की और उसका प्रमुख बन गया। जिसके जरिए खालिस्तानी का प्रचार करने लगा।

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