प्रदूषण के कण गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क और फेफड़ों को पहुंचा रहे नुकसान

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36 भ्रूण का अध्ययन किया गया जिनका गर्भपात कराया गया था, 60 स्वस्थ बच्चों के जन्म के बाद उनकी गर्भनाल पर अध्ययन हुआ, गर्भस्थ के दिमाग और फेफड़ों तक पहुंच रहा हवा का दूषित कण

प्रदूषित हवा मां के गर्भ में पल रहे बच्चे का सुरक्षा कवच भेदने लगी है। हवा में मौजूद दूषित कण गर्भस्थ के मस्तिष्क, जिगर और फेफड़ों तक पहुंचने लगे हैं। स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ अबीरदीन और बेल्जियम की हैसेल्ट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के शोध में यह खुलासा हुआ है।
स्कॉटलैंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता प्रोफेसर पॉल फॉवलर का कहना है कि गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान गर्भनाल में काले रंग का सूक्ष्म कार्बन कण दिखा है। हवा में मिलने वाला यह दूषित कण गर्भनाल और मां के रक्त के जरिए भ्रूण के विकसित हो रहे अंगों, जैसे दिमाग, फेफड़ों और जिगर तक पहुंच रहा है। दूषित कण के तंत्रिका तंत्र तक पहुंचने से भ्रूण, अंगों और उसकी कोशिकाओं की सेहत बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।

भ्रूण और गर्भनाल का अध्ययन

स्कॉटलैंड में सात से बीस सप्ताह के 36 भ्रूण की जांच की गई जिनका स्वेच्छा से गर्भपात कराया गया था। इसी तरह बेल्जियम में जन्म लेने वाले 60 नवजातों की गर्भनाल का अध्ययन किया गया। वैज्ञानिकों ने दोनों ही मामलों में पाया कि हवा में मौजूद दूषित कण मां के जरिए नवजातों के नाजुक अंगों तक पहुंच रहे हैं, जो दुनिया के लिए नई चिंता है।

खुद ही सावधानी बरतनी होगी

हैसेल्ट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर टिम नावरोट का कहना है कि भविष्य की पीढ़ी का जीवन सुरक्षित करने के लिए हवा में घुल रहे जहरीले पदार्थों पर नियंत्रण लाना होगा। गर्भवती को ऐसे स्थानों पर जाने से बचना होगा जहां वायु प्रदूषण का स्तर अधिक है। बाहर निकलने पर मास्क जरूर लगाना चाहिए, जिससे हवा के दूषित कण सांस के जरिए भीतर न जा सके।

नई जानकारी बेहद चिंताजनक

लंदन के क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोनाथन ग्रिग ने 2018 में पहली बार गर्भनाल तक दूषित कण के पहुंचने का खुलासा किया था। ग्रिग का कहना है कि ताजा शोध में जो जानकारी सामने आई है वो चिंताजनक है। मां के पेट में पल रहे भ्रूण के मस्तिष्क और दूसरे अंगों तक दूषित कण पहुंचने का मतलब ऐसे बच्चों को आजीवन स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ का खतरा है।

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