डॉक्टर से लेकर पुलिस तक हैरान: नासिक जेल में कैदी ने की आत्महत्या, पेट से निकला सुसाइड नोट..

नासिक जेल में कैदी ने की आत्महत्या
नासिक जेल में कैदी ने की आत्महत्या

नासिक. महाराष्ट्र के नासिक सेंट्रल जेल से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां कारागार में बंद एक कैदी ने कथित रूप से फंदा लगा कर खुदकुशी कर ली। सबसे दिलचस्प बात यह है कि मृतक का पोस्टमार्टम करते वक्त डॉक्टरों को उसके पेट से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें मरने के पीछे की वजह बताई गई है।

कैदी ने लिखा किस वजह से लगाई फांसी…
दरअसल, मृतक की पहचान 32 वर्षीय असगर अली मंसूरी नाम के युवक के  रूप में हुई, जिसने 7 अक्टूबर को जेल की कोठरी में यह कदम उठाया। बताया जा रहा है कि कैदी जेल कर्मियों के उत्पीड़न से परेशान हो चुका था, जिसके चलते उसको मजबूरी में आकर ऐसा करना पड़ा। उसे कुछ दिन से जेल कर्मचारी परेशान कर रहे थे। पिछले कुछ दिनों में वार्डर के रूप में काम करने की अनुमति उसे नहीं थी। वहीं जेल के अन्य कैदियों ने आरोप लगाया है कि असगर को जानबूझकर एक ओपन जेल से दूर रखा गया था ताकि उसकी रिहाई जल्दी ना हो।

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पढ़-लिख नहीं सकता था..फिर कैसे लिखा नोट: वहीं इस मामले में जेल के एक अधिकारी का कहना है कि मृतक पढ़ और लिख नहीं सकता था। फिर कैसे उसने यह सुसाइड नोट लिख दिया। उसकी किसी ने इन नोट लिखने में मदद की होगी। वहीं जेल के अन्य कैदियों ने उच्च अधिकारियों को एक पत्र लिखा, जिसमें सुसाइड नोट में नामित कर्मचारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की।

एक पॉलीथिन में लिपटा हुआ था सुसाइड नोट
जेल के अधिकारी ने बताया कि 7 अक्टूबर को असगर मंसूरी सुबह  6.30 बजे नमाज के लिए उठा। जिसके बाद देखा उसने फंदा लगा लिया। उसी दिन हमने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। जिसमें एक पॉलीथिन में लिपटा हुआ पेट में ये नोट मिला था। सुसाइड नोट मराठी में लिखा हुआ था। उन्होंने बताया कि हत्या के मामले में मंसूरी को उम्र कैद की सजा हुई थी। वहीं अधिकारियों ने आरोपी को प्रताड़ित करने की बात से इनकार किया।

जीना नहीं चाहता था कैदी
महाराष्ट्र के अतिरिक्त डीजीपी (जेल और सुधार सेवाएं) सुनील रामानंद ने मामले की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा-जेल कर्मियों और कैदियों से पूछताछ के बाद फैसला किया जाएगा कि आरोप सही हैं या नहीं। वहीं  मृतक की भतीजी ने कहा कि कुछ दिनों से उसने कहना शुरू कर दिया था कि अब वह जीना नहीं चाहता है।

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