मानवता का रिश्ता: खाकी वर्दी पहने महिला कांस्टेबल पेश की मिसाल

संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा/ कोसीकलां। मानवता का रिश्ता। यदि आपने नहीं देखा तो यमुना किनारे की कहानी इस रिश्ते को बयां कर रही है। खाकी वर्र्दी पहने महिला कांस्टेबल शालिनी ने मिसाल पेश करके हर किसी को सोचने के लिए विवश कर दिया। अब हर कोई शालिनी को सलाम कर रहा है।

कोसीकलां थाना क्षेत्र के ग्राम शेरनगर से गुजर रही नहर में दो-तीन दिन पहले महिला का शव मिला था। इस शव को लेकर कांस्टेबल शालिनी के मन में एक रिश्ता जाग गया। उसने उसका दाह संस्कार करने के लिए सोचा। उसने कुछ लोगों से चर्चा की किंतु इस दौरान यह निकलकर आया कि महिला किसी का दाह संस्कार करने के लिए शमशान नहीं जा सकती।

शालिनी ने प्रश्न किया.. वह क्यों नहीं जा सकती। इसका उत्तर किसी के पास नहीं था। सिर्फ इतना सा जवाब मिला कि महिलाओं को डर लगेगा। फिर क्या खाकी वर्दी पहने शालिनी ने महिलाओं के डर को खत्म करने के लिए महिला की लावारिस लाश का दाह संस्कार करने की ठान ली। उसे पोस्टमार्टम के बाद अज्ञात लाश को एक मानवता के रिश्ते के रुप को लिया। फिर यमुना किनारे दाह संस्कार कर यह साबित करने की कोशिश की महिला डरने वाली नहीं है। शालिनी का कहना है कि जिनके बेटे नहीं होते तो क्या बेटियां अंतिम संस्कार नहीं कर सकती है। महिलाओं के लिए पे्ररणास्त्रोत बनी शालिनी ने रामायण का हवाला दिया। बताया कि ग्रन्थ मे लिखा वो सत्य है। महिलाओं को ही नहीं पुरुषों को थोड़ा बहुत अध्ययन करना चाहिए।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*