दिल दहलाने वाला क्राइम: बेरोजगार और बिटकॉइन में डूबे पिता ने की मासूम की हत्या !

बेंगलुरु। कर्नाटक के बेंगलुरु में दो साल की बेटी की उसके ही पिता ने जान ले ली। इसके बाद आरोपी ने भी सुसाइड करने की कोशिश की, लेकिन वो बच गया। आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसने बताया कि वो कर्ज में डूबा था।बच्ची को खिलाने तक के लिए पैसे नहीं थे। हालांकि जांच में सामने आया है कि वो सुसाइड करने के मकसद से बच्ची को साथ लेकर शहर से बाहर गया था। वहां उसने बच्ची के लिए थोड़ी-सी मिठाई खरीदी। वहीं ड्राइव के दौरान बच्ची के साथ खूब खेला। फिर उसे मार डाला। आरोपी 45 वर्षीय राहुल परमार बेंगलुरु बेस्ड टेक्निक एक्सपर्ट है। उसने कई लोगों से पैसे उधार लिए थे।

घटना 15 नवंबर बताई गई है। पुलिा को बच्ची की डेड बॉडी 16 नवंबर को कोलार के केनदत्ती गांव की झील में मिली थी। इस झील के किनारे पुलिस को एक नीले रंग की कार भी मिली थी। इसी कार को देखकर वहां के ग्रामीणों को किसी अनहोनी की आशंका हुई थी और उन्होंने पुलिस को इत्तला दी थी। कार के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर पुलिस उसके मालिक की तलाश कर रही थी। बाद में 16 नवंबर को बेंगलुरु रेलवे स्टेशन से आरोपी पिता को जब पकड़ा गया, तो चौंकाने वाली घटना सामने आई। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि अपनी बेटी जिया की कथित तौर पर हत्या करने के ठीक बाद आरोपी ने भी आत्महत्या का प्रयास किया था, लेकिन वो बच गया।

आरोपी पिता ने पुलिस से कहा-“मेरे पास उसे खिलाने के लिए पैसे नहीं थे। उसे घर वापस ले जाना मेरे लिए और भी बुरा होता। जब वह रो रही थी, तो मैंने उसे गले लगाया और झील में कूद गया, लेकिन मैं बच गया।”
आरोपी पिता ने बताया-“मैंने उसे अपनी छाती से दबाकर मार डाला और फिर झील में कूद गया। चूंकि झील उथली थी और उसमें पानी कम था, इसलिए मैं डूब नहीं सकता था। इसलिए मैं झील से बाहर निकल आया। एक व्हीकल से बंगारपेट रेलवे स्टेशन तक लिफ्ट ली।” राहुल परमार को जिया की कथित हत्या के आरोप में कोलार पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसने बेटी की डेड बॉडी को बेंगलुरु-कोलार राजमार्ग पर केंदत्ती में एक झील में फेंक दिया था। पिता-पुत्री 15 नवंबर को लापता हो गए थे, जिसके बाद मां भाव्या ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। अगली सुबह जिया का शव झील से मिला।

राहुल परमार मूलत: गुजरात का रहने वाला है। वह दो साल पहले पत्नी भव्या के साथ बेंगलुरु शिफ्ट हुआ था। आरोपी बेटी को स्कूल ले जाने के बहाने घर से निकला था। आरोपी ने बताया कि वह खुद को मारना चाहता था, लेकिन बेटी के कारण वह फैसला नहीं ले पा रहा था। वह पूरे दिन बेंगलुरु और कोलार के आसपास चक्कर लगाता रहा। शाम को झील के पास कार रोककर वह बहुत देर तक सोचता रहा कि क्या करना चाहिए। उसने घर लौटने के बारे में भी सोचा, लेकिन उसे डर सताता रहा कि अगर वह घर लौटा तो कर्ज देने वाले उसे परेशान करेंगे।आरोपी ने झील के पास एक दुकान से जिया के लिए चॉकलेट और बिस्कुट खरीदे थे। जिया दोपहर से भूखी थी, इसलिए वह लगातार रो रही थी। इसके बाद राहुल के पास बच्ची को कुछ और खिलाने के लिए पैसे नहीं बचे थे।

पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि राहुल पिछले 6 महीने से बेरोजगार था। उसे अपने बिटकॉइन बिजनेस में भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था।आरोपी ने बेंगलुरु वाले घर से सोने के जेवरात चोरी होने की शिकायत लिखवाई थी। हालांकि पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में खुलासा हुआ था कि चोरी खुद राहुल ने की थी। जेवर उसने गिरवी रख दिए थे। पुलिस ने चोरी की झूठी शिकायत दर्ज कराने पर उसे थाने आकर सफाई देने को कहा था। लेकिन उसने थाने न जाकर बेटी को मारने के बाद सुसाइड करने की कोशिश की।

 

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