कोरोना काल में चौंकाने वाली कहानी: कार गिरवी रखी तब परिजनों को मिली डेड बॉडी 

 नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच कई खबरें आईं, जिससे पता चला कि लोग दूसरों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। लेकिन कुछ खबरों ने परेशान भी किया। ऐसी ही एक खबर गुजरात के वलसाड़ जिले से आई है, जहां हॉस्पिटल का बिल नहीं दे पाने पर मरीज की कार ही रखवा ली।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मरीज के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि एक प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर ने रिश्तेदारों से कहा कि पहले पूरा बिल भरिए तब ही मरीज का शव दिया जाएगा।

दरअसल, वापी के हॉस्पिटल 21 सेंचुरी का मामला है। कोरोना के लक्षण दिखने पर मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

मरीज की मौत के बाद जब परिजन शव लेने पहुंचे तो हॉस्पिटल ने साफ मना कर दिया। आरोप है कि उन्होंने कहा कि पहले हॉस्पिटल का पूरा पैसा जमा करें। परिवार के पास उस वक्त पैसे नहीं थे। जो कुछ थे सब दे दिया था।

हॉस्पिटल पर कार गिरवी रखवाने का आरोप

हॉस्पिटल के लोगों पर डेड बॉडी देने के लिए हामी तो भर दी, लेकिन एक शर्त रख दी। उन्होंने कहा कि जब तक पैसे नहीं देते, तब तक मरीज के परिजनों की कार गिरवी रहेगी। इसके बाद ही डेड बॉडी सौंपी गई।

परिजन शिकायत लेकर थाने पहुंच गए

इसके बाद परिजन शिकायत लेकर पुलिस थाने पहुंच गए। पुलिस हॉस्पिटल पहुंची और दबाव डालकर कार और डेड बॉडी दिलवाई। हॉस्पिटल के तरफ से कहा गया कि मरीज के कहने पर पहले से ही बिल में काफी कुछ कम कर दिया गया था, लेकिन परिजन बिल नहीं चुकाना चाहते थे।

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