घूमने के लिए छह डेस्टिनेशनस, फरवरी और मार्च में देखनी हो बर्फबारी तो जरूर जाएं

नई दिल्ली। मकर संक्रांति के बाद सर्दियां धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। लगभग पूरे उत्तर और मध्य भारत में सर्दियां अलविदा कहने को तैयार रहती हैं और कई हिस्से कोहरे (ाङ्मॠ) की चादर में लिपटे हुए होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश के कई हिस्सों में फरवरी और मार्च तक भी स्नोफॉल या बर्फबारी होती है। अक्सर ये देखा जाता है कि फरवरी और मार्च में लोग हिल स्टेशन की तरफ जाते हैं, लेकिन बर्फबारी न देखकर कई बार निराश होते हैं।

शिमला, मसूरी, नैनीताल जैसे हिल स्टेशन्स पर बर्फबारी फरवरी या मार्च तक नहीं होती है और इसलिए फरवरी और मार्च का ट्रैवल प्लान बनाते समय आप उन डेस्टिनेशन्स को चुनें जो इस वक्त बर्फबारी के लिए फेमस हैं। अगर आप अगले दो महीने में कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं और चाहते हैं कि आपको बर्फीली चोटियां और खूबसूरत नजारे देखने को मिलें तो आइए आपको बताते हैं कि आप कौन से बेस्ट ट्रैवल डेस्टिनेशन्स को चुन सकते हैं।

बर्फबारी का समय- नवंबर से अप्रैल के शुरू तक
सोनमर्ग: घूमने की लिस्ट में पहला स्थान सोनमर्ग का है। कश्मीर का सोनमर्ग बर्फबारी के लिए सबसे ज्यादा मशहूर है और यही एक जगह है जहां आपको अप्रैल तक बर्फबारी देखने को मिल सकती है। सीजन की पहली और आखिरी बर्फ यहीं गिरती है और ग्लेशियर से लेकर जमे हुए तालाब तक आपको न जाने क्या-क्या देखने को मिलेगा। अगर आप गर्मियों के सीजन में जैसे मई में भी बर्फ देखना चाहते हैं तो थाजीवास ग्लेशियर  सबसे बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकता है। भारत में अगर कहीं विंटर वंडरलैंड है तो वह सोनमर्ग में ही है। गर्मियां यहां मई में शुरू होती हैं और बहुत कम समय के लिए रहती हैं। इसलिए आप यहां इसके हिसाब से प्लानिंग कर सकते हैं।

बर्फबारी का समय- दिसंबर से मार्च तक
गुलमर्ग: सोनमर्ग में जहां आपको अप्रैल तक बर्फ मिल सकती है वहीं कश्मीर के गुलमर्ग में आपको मार्च तक बर्फ दिखने को मिलेगी। अगर आप स्नो स्पोट्र्स और स्कीइंग के शौकीन हैं तो ये जगह आपके लिए जन्नत है। गुलमर्ग और श्रीनगर काफी पास हैं इसलिए हर साल यहां हजारों टूरिस्ट आते हैं। यहां गंडोला केबल राइड और ट्रेकिंग का भी मजा लिया जा सकता है। पिर पिंजाल रेंज और नागा परबत के लिए अगर ट्रेकिंग करनी है तो गुलमर्ग बेस कैंप भी हो सकता है। यहां आपको बेहतरीन नजारों के साथ एडवेंचर भी मिलेगा।

बर्फबारी का समय- नवंबर से मार्च तक
मनाली और रोहतांग पास: अगर आप दिल्ली के आसपास रहते हैं तो सबसे करीब डेस्टिनेशन मनाली ही साबित हो सकता है। हिमाचल का ये खूबसूरत डेस्टिनेशन बहुत ही आकर्षक है और यहां कई बार टूरिस्ट्स सिर्फ रोहतांग पास के लिए ही आते हैं। हालांकि रोहतांग पास बहुत भारी बर्फबारी के समय पर बंद हो जाता है और यहां काफी ट्रैफिक जाम लगता है। इसलिए यहां जाने के पहले देखना होगा कि ये रास्ता खुला भी है या नहीं। उसका प्लान आप तुरंत ही बनाएं तो अच्छा होगा। इसके अलावा मनाली में जनवरी से मार्च तक आपको भारी बर्फबारी देखने को मिल सकती है। ये जगह बहुत खास है और अगर आपको यहां एडवेंचर स्पोट्र्स करने हैं तो सोलांग वैली जरूर जाएं। सोलांग वैली में भी आपको मार्च तक बर्फबारी देखने को मिल जाएगी।

बर्फबारी का समय- जनवरी से मार्च तक
ऑली: अगर आप स्कीइंग के शौकीन हैं और किसी अच्छे स्की रिजॉर्ट में जाकर आराम फरमाना चाहते हैं और छुट्टियां आपको मार्च में ही मिलेंगी तो ऑली बहुत ही अच्छा ऑप्शन हो सकता है। यहां मार्च में टूरिस्टों की काफी भीड़ मिलती है लेकिन यहां वो लोग होंगे जिन्हें एडवेंचर पसंद है। ये ऑफबीट हिल स्टेशन पिछले कुछ समय में काफी फेमस हो गया है और अब तो ऑली में टूरिस्ट्स के लिए ज्यादा बेहतर सुविधाएं भी दी जा रही हैं। यहां नंदा देवी और माना पर्वत के नजारे देखते हुए स्कीइंग की जा सकती है।

बर्फबारी का समय- दिसंबर से मार्च तक
नॉर्थ सिक्किम: वैसे तो सिक्किम का हर वक्त बर्फ से ढका हुआ रहता है, लेकिन अगर आपको सही बर्फबारी देखनी है तो नॉर्थ सिक्किम जाएं। वैसे यहां पर बहुत बर्फ गिरती है और कई बार तो कई फुट बर्फ एक ही दिन में गिर जाती है इसलिए आपको यहां जाने से पहले मौसम की जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए। भारत में सबसे खतरनाक सर्दियां यहीं पड़ती हैं। हालांकि आप यहां बहुत सारे एडवेंचर ट्रेक का मजा ले सकते हैं।

बर्फबारी का समय- अक्टूबर से अप्रैल तक
द्रास: भारत का सबसे ठंडा शहर है द्रास। यहां पर मई तक आपको बर्फ मिल जाएगी और यही नहीं यहां का तापमान -45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इसलिए आपको ये ध्यान रखना होगा कि ये बहुत ही ज्यादा एडवेंचर प्रेमियों के लिए ही है। आप यहां अप्रैल अंत या मई में भी जाएंगे तो भी आपको बर्फ मिल जाएगी। यही नहीं द्रास में अब एडवेंचर टूरिज्म के लिए काफी सारी सुविधाएं हो गई हैं इसलिए आपको यहां जाने से पहले अपनी तैयारी पूरी करके जानी चाहिए।

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