सावधान: स्मार्ट मीटर से लोगों पर बढ़ेगा ‘आर्थिक बोझ’, ये धांधलेबाजी का खेल

जनता परेशान: उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर के लोड कई गुना तक बढ़ गए

प्रिया शशि पाराशर
यूनिक समय, मथुरा। बिजली उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगाए गए। जिससे बिजली के बिल में हो रहे खेल को रोका जा सके और उपभोक्ता घर बैठे बिजली का बिल संतुष्टि के साथ जमा कर सकें। लेकिन, यहां तो अब स्मार्ट मीटर ही धांधली करने लगा है। उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर के लोड कई गुना तक बढ़ गए हैं। जिसके चलते सैकड़ों में आने वाला बिजली का बिल बिना बिजली जलाए ही हजारों में पहुंच गया है। इस समस्या को लेकर जनता परेशान है। आखिर कौन सा मीटर है सही।
कृष्णा नगर निवासी लक्ष्मण प्रसाद शर्मा कहते हैं कि स्मार्ट मीटर की रीडिंग अधिक तेज है। जिससे इनके घर का बिल पहले से दो गुना बढ़ कर आया है। जिसकी शिकायत करने के बाद चैक मीटर लगाया गया लेकिन वह भी स्मार्ट ही है तो कोई फायदा नहीं वह अब भी दो गुना बिजली का बिल जमा कर रहे हैं।
राधा पुरम एस्टेट निवासी कुनाल अरोड़ा का कहना है कि जब इनके यहां स्मार्ट मीटर लगाया गया था तब बिल अधिक आ रहा था अर्थात स्मार्ट मीटर जंप कर रहा था। जिसके बाद चैक मीटर लगाया गया है। अब मीटर सही रीडिंग लेने लगा है।
हंसराज कॉलोनी निवासी एडवोकेट नरेंद्र का कहना है कि इनके यहां कभी 100 यूनिट से ज्यादा नहीं आती थीँ। लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद 400 से 500 यूनिट आ रहीं हैं। उन्होंने रोष जताते हुआ कहा कि बिजली घर वाले पहले तो मीटर खराब लगा जाते हैं जब हम उसकी शिकायत दर्ज कराने जाते हैं तो 431 रुपए भी हमसे वहन किये जाते हैं। नरेंद्र ने बताया कि मीटर में 1330 यूनिट दिखाता है और जब बिल निकाला जाता है तो उसमें 1545 यूनिट दिखाये जाते हैं।
नरेंद्र ने इसकी शिकायत आरटीआई में भी की है जिसका कोई जवाब नहीं आया।
हंसराज कॉलोनी निवासी सुनील कुमार कहते हैं कि स्मार्ट मीटर ओवर स्मार्ट हैं और कुछ ज्यादा ही फास्ट है। जहां एक हजार रुपए बिल आता था वहीं अब चार हजार रुपए का बिल आता हैं।

पहले भी हो चुका है ये धांधलेबाजी का खेल
बिजली मीटर लगाने के नाम पर यूपी में पहले भी धांधलेबाजी हुई थी। घटिया क्वालिटी के मीटर लगाने और रीडिंग जंप के मामले में दो कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया गया था। इसमें मेसर्स कैपिटल पावर लिमिटेड और मेसर्स फ्लैश इलेक्ट्रानिक शामिल है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि जब लोड पैरामीटर जंप कर रहा है तो निश्चित तौर पर मीटर में मैनुफैक्चरिंग डिफेक्ट है। हो सकता है इसके चलते यूनिट भी अधिक दिखा रहा हो। इसलिए मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए और घटिया मीटर निर्माता कंपनियों को अविलम्ब ब्लैकलिस्ट किया जाए।

अगर उपभोक्ता का मीटर खराब होगा तो देने होंगे 431 रुपए
उपभोक्ताओं का कहना है कि हमें सरेआम चूना लगाया जा रहा है। हमारे यहां जानबूझ कर जंप होने वाले स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं। जिससे हमारा बिजली का बिल अधिक आ रहा है और मजबूरी में हमें उसे जमा करना पड़ रहा है। उस खराब मीटर को सही कराने के लिये अलग से 431 रुपए और वहन करने पड़ रहे हैं।

अगर किसी का बिल अधिक आता है तो चेक मीटर लगवाते हैं और उपभोक्ताओं की परेशानी को दूर करते हैं।
एसडीओ रमेश सोनी, कृष्णा नगर बिजली घर

अगर कोई भी मीटर जंप की शिकायत हमारे पास आती है तो हम उपभोक्ता को पूर्ण रूप से उसके घर का लोड पूछते हैं और उसे संतुष्ट करा कर भेजते हैं। यदि उसका बिल अधिक होता है लोड से तो उस बिल को भी सही कराते हैं और जमा करते हैं।
एक्सईएन सचिन गुप्ता, कृष्णा नगर बिजली घर

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