विश्व को बहुत महंगा पड़ सकता है स्वेज नगर में लगा जाम, 600-1000 करोड़ डॉलर के नुकसान की आशंका

इस्माइलिया। शुक्रवार से मिस्त्र की स्वेज नहर में एक विशालकाय मालवाहक जहाज फंसा हुआ है। इसके चलते चारों तरफ ‘ट्रैफिक जाम’लग गया। इस बीच जर्मनी की इंश्योरेंस कंपनी अलायन्स ने अनुमान लगाया है कि इस ब्लॉकेज से 600—1000 करोड़ अमेरिकी डॉलर के व्यापार का अनुसान हो सकता है।

कोरोना के चलते सामानों की डिलीवरी पहले से ही बाधित है और अब इस ब्लॉकेज ने यूरोपीय देशों की मुश्किलें बढ़ा दी है। उधर अमेरिका भी इससे प्रभावित है. समानों की डिलीवरी में यहां भी दोगुना समय लग रहा है। विश्व का 12 फीसदी कारोबार इस नहर के जरिए होता है। पिछले साल करीब 19 हजार जहाजों ने इसे पार किया था।

एशिया और यूरोप के बीच माल लेकर जाने वाला, पनामा के ध्वज वाला जहाज मंगलवार को इस नहर में फंस गया था। जापानी कंपनी के मालिकाना हक वाले इस जहाज के फंसने से नहर में ट्रैफिक जाम हो गया है। इसके चलते दर्जनों छोटे जहाज भूमध्य और लाल सागरों में फंस गए। स्वेज नहर प्राधिकरण ने इस विशाल जहाज को निकालने के लिए कई नौकाओं को काम में लगाया है।

भारत के हैं चालक दल
जहाज को निकालने का काम चल रहा है। इस जहाज का मालिक जापान के रहने वाले शेइई किसेन कैशा हैं। उन्‍होंने कहा कि इस जहाज को चलाने वाला चालक दल भारत से आया है। राहत की बात ये है कि चालक दल के सभी सदस्‍य सुरक्षित हैं। इस जहाज पर मिस्र के दो विशेषज्ञ चालक भी पहुंचे हैं जो फंसे हुए जहाज को निकालने में मदद कर रहे हैं।

कैसे फंसा जहाज?
ये घटना उस वक्त हुई जब 120 मील लंबी नहर के किनारे पर तेज हवाओं की वजह से रेत का गुबार उठा। ये जलमार्ग संकरा है। तेज हवाओं के चलते क्रू ने जहाज पर नियंत्रण खो दिया और रेतीले किनारे पर पहुंच गई। करीब 400 मीटर लंबे और 2 हजार मैट्रिक टन वजनी होने के चलते जहाज को निकालने की प्रक्रिया और मुश्किल हो गई है।

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