देशभर में हो जाएगी बिजली गुल! ऊर्जा सचिव बोले-पर अब हालात ठीक

नई दिल्ली। केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार ने कहा है कि देश में बिजली की आपूर्ति की स्थिति नियंत्रण में है। उनका यह बयान ऊर्जा और कोयला मंत्रियों द्वारा कोयले के भंडार की कमी के कारण ब्लैकआउट की चिंताओं को स्वीकार करने के एक दिन बाद आया। CNBC-TV18 से बात करते हुए कुमार ने कहा- ‘कुछ राज्यों में कुछ इलाकों में बिजली की कमी है, लेकिन बिजली आपूर्ति की स्थिति नियंत्रण में है। बिजली की कमी बहुत गंभीर नहीं है।’ उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में कोयला कंपनियों का भारी बकाया है, जबकि कुछ राज्यों में कोयले का स्टॉक कम है।

कुमार ने कहा, ‘राजस्थान ने अपने कैप्टिव कोल माइन डेवलपर को भुगतान नहीं किया था। आपूर्ति बनाए रखने के लिए महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और यूपी को कोयला कंपनियों का बकाया चुकाना होगा. गुजरात और हरियाणा से भुगतान की कोई समस्या नहीं है।’ कुमार ने कहा कि कोयला सचिव ने उन्हें आश्वासन दिया था कि एनटीपीसी संयंत्रों के पास पर्याप्त कोयला है, यह सुनिश्चित करते हुए सप्लाई में तेजी लाई जाएगी।

आठ अक्टूबर को बिजली की खपत 390 करोड़
सचिव ने कहा, ‘औसत बिजली एक्सचेंज 12-13 रुपये प्रति यूनिट की दर से भाव दे रहे हैं. अधिक बिजली सप्लाई से कीमतों में और गिरावट आने की संभावना है। कोयले का उत्पादन निश्चित रूप से बढ़ेगा।’ उधर बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बिजली की खपत शनिवार को लगभग दो प्रतिशत या 7.2 करोड़ यूनिट घटकर 382.8 करोड़ यूनिट हो गई, जो शुक्रवार को 390 करोड़ यूनिट थी। इसके चलते कोयले की कमी के बीच देशभर में बिजली की आपूर्ति में सुधार हुआ।

आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार, आठ अक्टूबर को बिजली की खपत 390 करोड़ यूनिट थी, जो इस महीने अब तक (1-9 अक्टूबर) सबसे ज्यादा थी। बिजली की मांग में तेजी देश में चल रहे कोयला संकट के बीच चिंता का विषय बन गई थी।

क्या है कोयले के भंडार में कमी के कारण
बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार में कमी होने के चार कारण हैं- अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के कारण बिजली की मांग में अभूतपूर्व बढ़ोतरी, कोयला खदानों में भारी बारिश से कोयला उत्पादन और ढुलाई पर प्रतिकूल प्रभाव, आयातित कोयले की कीमतों में भारी बढ़ोतरी और मानसून से पहले पर्याप्त कोयला स्टॉक न करना।

बिजली मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बिजली मंत्री आरके सिंह ने ताप संयंत्रों में कोयले के भंडार की स्थिति की समीक्षा की, इसमें दिल्ली की वितरण कंपनियों को आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्र शामिल हैं। मंत्री ने निर्देश दिया कि दिल्ली की वितरण कंपनियों को उनकी मांग के अनुसार बिजली दी जाए। इस बीच मंत्रालय ने यह चेतावनी भी दी कि यदि कोई बिजली वितरण कंपनी पीपीए के अनुसार बिजली उपलब्ध होने के बावजूद लोड शेडिंग का सहारा लेता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

 

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