यूक्रेन—रूस युद्ध: 12 दिन की भयंकर लड़ाई कैसे ले आई एक सुंदर देश की तबाही

नई दिल्ली। इतिहास में एक विध्वंसक निर्णय के लिए जाना जाएगा। इसी दिन भारतीय समयानुसार सुबह 8.30 बजे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई का ऐलान किया था। इसके बाद रूस की सेना ने यूक्रेन पर हवाई हमले शुरू कर दिए। इन हमलों बाद यूक्रेन की राजधानी कीव के अलावा खार्किव, मारियुपोल और ओडेसा में बर्बादी के मंजर दिखाई देने लगे हैं। ये तस्वीरें सिर्फ यूक्रेन की बर्बादी नहीं दिखातीं, बल्कि इस युद्ध का असर दुनियाभर के देशों पर पड़ेगा। सामाजिक, आर्थिक और मानसिक तौर पर यह लोगों पर असर डालेगा। प्रकृति पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा। रूस की मिसाइलों ने यूक्रेन को बर्बाद कर दिया है। देखें अब तक की 12 शॉकिंग तस्वीरें…


यूक्रेन के मारियुपोल में अब भी 2 लाख लोग फंसे हुए हैं। इनमें से कितने जिंदा बचेंगे कोई नहीं जानता। इस बीच, पोप फ्रांसिस ने दोनों देशों से कहा कि अब बहुत हुआ। आप खून और आंसुओं की नदियां बहाना बंद करें


भयंकर बर्बादी के बाद भी रूस और यूक्रेन झुकने को तैयार नहीं है। यूक्रेन के राष्ट्रपति राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने बयान दिया है कि वे दुश्मनों को चुन-चुनकर मारेंगे।


यूक्रेन ने रूस के हजारों सैनिकों को मार गिराने का दावा किया है। यूक्रेन के मारियुपोल सहित कई शहर रूसी हमले से तबाह हो चुके हैं। यहां दवा, पानी और अन्य आवश्यक सप्लाई की कमी हो गई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रूस अपनी सेना में सीरियाई लड़ाकों की भर्ती कर रहा है। मीडिया एजेंसी द कीव इंडिपेंडेंट का दावा है कि रूस इन्हें कीव को कब्जा करने भेज रहा है।

लड़ाकू विमान भेज सकते हैं। हालांकि पोलैंड ने अपने विमान चालकों को यूक्रेन भेजने और अपने हवाई क्षेत्रों के इस्तेमाल की इजाजत देने से मना कर दिया है।


संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने tweet करके बताया कि 10 दिनों में करीब 15 लाख शरणार्थी पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं।

यह दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़ा पलायन है। UN को आशंका है कि युद्ध से बचने 40 लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़ सकते हैं। इस युद्ध से पहले यूक्रेन के कीव नियंत्रित क्षेत्र में 37 मिलियन लोग रहते थे।


संयुक्त राष्ट्र(United Nations) का कहना है कि इस लड़ाई ने 1.2 मिलियन से अधिक लोगों को देश से भाग जाने पर विवश कर दिया है। यह संख्या इस सदी में शरणार्थियों का सबसे तेज पलायन है। यह और बढ़ सकता है।

युद्ध में रूसी सेना ने रिहायशी इलाकों पर भी बमबारी की। यह सिलसिला लगातार जारी है। इसकी वजह से आम नागरिकों की भी मौत हुई है।


यह तस्वीर दिखाती है कि जो इमारतें कभी लोगों से गुलजार थीं, वे अब खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं। लोग दूसरे देशों को पलायन कर चुके हैं।

 

इस तरह रूसी सेना ने मिसाइलों से हमला करके इमारतों को खंडहर बना दिया। ऐसे मंजर यूक्रेन के हर बड़े शहर में नजर आ रहे हैं। लोग शहर छोड़कर जा चुके हैं।

 

रूसी मिसाइलों के हमले से इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है। लोगों को शहर छोड़कर जाने पर विवश होना पड़ा है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*