दिल्ली और एनसीआर में दूध और मिल्क प्रोडेक्ट की कमी को पूरा करेगा यूपी

नई दिल्ली। दूध उत्पादन के मामले में यूपी लगातार अपने नंबर बढ़ा रहा है। अपने शहरों के साथ ही अब यूपी जल्द ही दिल्ली-एनसीआर में दूध और दूध से बने प्रोडक्ट की कमी को भी पूरा करेगा। इसके लिए मेरठ बुलंदशहर में बड़े मिल्ट प्लांट लगने के साथ ही मिल्क कंपनियां भी एनसीआर से सटे शहरों में इंवेस्ट कर रही हैं। हाल ही में अमूल सहित 6 बड़ी कंपनियों ने अपने प्लांट शुरु किए हैं। बीते चार साल में यूपी में 40 लाख मिट्रिक टन तक दूध का उत्पादन बढ़ा है।

दूध उत्पादन और करोबार बढ़ाने का यह है प्लान
यूपी सरकार का दावा है कि देश में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है. दूध उत्पादन में यूपी की देश में 17 फीसद की हिस्सेदारी है। वर्ष 2016-17 में यूपी में 277.697 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन हुआ था। साल 2020-21 में यह बढ़कर 318.630 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। कारोबार के लिहाज से दिल्ली-एनसीआर में दूध की खासी डिमांड है। इसी के चलते यूपी सरकार ने सूबे में ग्रीनफील्ड डेयरियों की स्थापना करने की शुरुआत कर दी है।

यह ग्रीन फील्ड डेयरियां कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, बरेली, कन्नौज, गोरखपुर, फिरोजाबाद, अयोध्या और मुरादाबाद में स्थापित की जा रही हैं. इसी कड़ी में झांसी, नोएडा, अलीगढ़ और प्रयागराज की चार पुरानी डेयरियों के उच्चीकरण का कार्य भी कराया जा रहा है। गाजीपुर में पूर्वांचल अग्रिको, बिजनौर में श्रेष्ठा फ़ूड, मेरठ में देसी डेयरी, गोंडा में न्यू अमित फ़ूड, बुलंदशहर में क्रीमी फ़ूड और लखनऊ में सीपी मिल्क फ़ूड की डेयरी यूनिट लगाई गई है।

यूपी में 21 हजार से ज्यादा दूध समितियां कर रही हैं काम
सरकार का कहना है कि गोवंश पालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हम गोकुल पुरस्कार और देशी गोवंश की गाय से सर्वाधिक दूध उत्पादक को नंदबाबा पुरस्कार से नवाज रहे हैं। गांवों में ग्रामीण दूध कारोबार से जुड़े इसके लिए सरकार ने सूबे में पंजीकृत 12 लाख से अधिक दूध किसानों को क्रेडिट कार्ड दिए हैं। इतना ही नहीं दूध कारोबार को बढ़ाने के लिए यूपी के 75 जिलों में करीब 21,537 दूध समितियां बनाई गई हैं. सभी समितियों से करीब 12.79 लाख पंजीकृत दूध उत्पादक जुड़े हुए हैं।

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