यूपी: बिजली की समस्याओं को लेकर योगी सरकार हुई सख्त

लखनऊ। यूपी में गर्मी बढ़ते ही बिजली की हाय-तौबा शूरु हो जाती है। कहीं पूरे दिन बिजला गुल रहती है तो कहीं पर बिजली आती तो हाै लकिन वोल्टेज पूरा नहीं आता है। इन दिक्कत को रोकने के लिए सरकार इस बार कई कड़े कदम उठाने जा रही है। सरकार के साथ-साथ पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने अब बिजली चोरी के सभी रास्ते बंद करने की ठानी है।

बिजली चोरी को लेकर प्रबंधन कई मोर्चे पर एक साथ काम कर रहा है। जहां पर ज्यादा लाइन लॉस वाले क्षेत्रों पर अधिक फोकस किया जाएगा। हर कनेक्शनधारक को मीटर से ही आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। कटिया से चोरी बंद करने के लिए एबीसी (एरियल बंच केबल) का जाल बिछाया जाएगा। बकाए के साथ ही वर्तमान बिल की वसूली और लाइन लॉस घटाने का वार्षिक और मासिक लक्ष्य तय कर अवर अभियंता से लेकर प्रबंध निदेशक तक को दायित्व सौंपा गया है। इसमें सुस्ती न बरती जाए, इसके लिए प्रमुख सचिव ऊर्जा और पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज प्रतिदिन समीक्षा कर रहे हैं।

गौरतलब है कि सरकार ने वादा किया था की शहर को 24 घंटे और गांव को 18 घंटे बिजली दी जायेगी, सरकार का ये वादा पिछले साल तक तो सही चला, लेकिन इस बार गर्मी बढ़ने के बाद सरकार ये वादा फुस्स होती दिख रहा है। इसका कारण पता चला है कि बिजली आपूर्ति के एवज में वसूली लगभग 2419 करोड़ रुपये प्रतिमाह कम हो रही है, इसलिए कॉरपोरेशन का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। बिजली उत्पादकों का समय से भुगतान करने के लिए उसके सामने गंभीर वित्तीय संकट है। ऐसे में जरूरत पर भी कॉरपोरेशन न तो पावर एक्सचेंज की महंगी बिजली खरीदने और न ही कोयले का पेमेंट करने की स्थिति में है।

प्रमुख सचिव ऊर्जा के साथ ही कॉरपोरेशन के चेयरमैन का भी दायित्व संभाल रहे देवराज बताते हैं कि ‘ऊर्जा क्षेत्र को सुधारने के लिए सबसे जरूरी बिजली चोरी पर पूरी तरह से रोक लगाना है। अभी लाइन लॉस (वितरण हानियां) लगभग 20 और एटीएंडसी (तकनीकी व वाणिज्यिक हानियां) 28 प्रतिशत है, जिसे 11 और 16 प्रतिशत तक करने के लिए जेई से लेकर डिस्काम के प्रबंध निदेशक तक का दायित्व तय किया गया है।’ उन्होंने आगे बताया कि पूर्वांचल में 7.50 लाख से ज़्यादा कनेक्शन बिना मीटर के है। जहां पर 100 दिनों के अंदर मीटर लगाने के निर्देश दिए है।’

 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*