वीडियो: अंदर से इतना भव्य दिखता है नया संसद भवन

भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को करेंगे। देश की नीतियां अब माननीय यहीं तय करने के लिए भविष्य में जुटेंगे। 17 लोकसभा की गवाह पुराना संसद भवन अब केवल विशेष आयोजन के दौरान ही गुलजार रहेगा। नई संसद का एक खास वीडियो अब जारी किया गया है। करीब 1200 करोड़ रुपये की बजट से बनी नई संसद की बिल्डिंग कई मायने में खास है। नई इमारत का जीवनकाल 150 साल से अधिक है। इसे भूकंप का सामना करने के लिए स्पेशली डिजाइन किया गया है।

नए परिसर में लोकसभा में 888 लोग बैठ सकते हैं। जबकि पुरानी लोकसभा में 543 सदस्यों के ही बैठने की जगह थी। राज्यसभा में 384 लोग बैठ सकते हैं। पुरानी राज्यसभा में केवल 245 लोग ही बैठ सकते थे। संसद के हाल में 1272 सदस्यों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है। टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने इस बिल्डिंग का निर्माण किया है। नई दिल्ली के दिल में यह नया संसद भवन यानि न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग 64,500 वर्ग मीटर एरिया में फैला है। नई संसद भवन 4 मंजिला बनाया गया है। इसमें 3 दरवाजे हैं। इसे तीन नामों से जाना जाएगा-ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार। यहां वीवीआईपी व सांसदों के लिए अलग एंट्री है। इस भवन पर भूकंप का असर नहीं होगा। यह पुरानी संसद से 17 हजार वर्गमीटर बड़ा है। नई संसद की डिजाइन जाने माने आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने तैयार किया है। इसका शेप तिकोना है। जबकि पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग का आकार गोलाकार है। 15 जनवरी 2021 से निर्माण इसका शुरू हुआ था और रिकॉर्ड 28 महीने में बनकर तैयार है।सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रहे नए संसद भवन व अन्य प्रोजेक्ट्स की आधारशिला 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने रखी थी। कोरोना काल में भी सेंट्रल विस्टा का काम नहीं रूका था। प्रधानमंत्री अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट्स के लिए समय समय पर निर्माणाधीन स्थल का निरीक्षण करने भी कई बार पहुंच चुके हैं।

1200 करोड़ के आसपास आई है निर्माण लागत

न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग का निर्माण 1200 करोड़ रुपये से किया गया है। शुरूआत 2020 में 861.9 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था। हालांकि, बाद में इसकी लागत को बढ़ाते हुए 1200 करोड़ रुपये कर दिया गया था।

नए परिसर में लोकसभा में 888 लोग बैठ सकते हैं। जबकि पुरानी लोकसभा में 543 सदस्यों के ही बैठने की जगह थी। राज्यसभा में 384 लोग बैठ सकते हैं। पुरानी राज्यसभा में केवल 245 लोग ही बैठ सकते थे। संसद के हाल में 1272 सदस्यों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है। टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने इस बिल्डिंग का निर्माण किया है। नई दिल्ली के दिल में यह नया संसद भवन यानि न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग 64,500 वर्ग मीटर एरिया में फैला है। नई संसद भवन 4 मंजिला बनाया गया है। इसमें 3 दरवाजे हैं। इसे तीन नामों से जाना जाएगा-ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार। यहां वीवीआईपी व सांसदों के लिए अलग एंट्री है। इस भवन पर भूकंप का असर नहीं होगा। यह पुरानी संसद से 17 हजार वर्गमीटर बड़ा है। नई संसद की डिजाइन जाने माने आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने तैयार किया है। इसका शेप तिकोना है। जबकि पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग का आकार गोलाकार है। 15 जनवरी 2021 से निर्माण इसका शुरू हुआ था और रिकॉर्ड 28 महीने में बनकर तैयार है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रहे नए संसद भवन व अन्य प्रोजेक्ट्स की आधारशिला 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने रखी थी। कोरोना काल में भी सेंट्रल विस्टा का काम नहीं रूका था। प्रधानमंत्री अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट्स के लिए समय समय पर निर्माणाधीन स्थल का निरीक्षण करने भी कई बार पहुंच चुके हैं। न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग का निर्माण 1200 करोड़ रुपये से किया गया है। शुरूआत 2020 में 861.9 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था। हालांकि, बाद में इसकी लागत को बढ़ाते हुए 1200 करोड़ रुपये कर दिया गया था।

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