पूजा- पाठ में क्यों किया जाता है नारियल का इस्तेमाल, जानिए धार्मिक महत्व

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शास्त्र के अनुसार नारियल को त्रिदेव का प्रतीक माना जाता है. साथ ही पूजा में नारियल रखने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. वास्तु शास्त्र में भी नारियल को महत्व दिया गया है.

हिंदू धर्म में किसी भी पूजा पाठ या शुभ कार्य को करने से पहले नारियल चढ़ाया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक नारियल का रंग सफेद होता है और पानी चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है. चद्रंमा को मन का कारक माना जाता है. मान्यता है कि चंद्रमा की स्थित मजबूत होने पर मन शांत रहता है. काम करने में सफलता मिलती है. घर में किसी भी कार्य से पहले नारियल फोड़ना शुभ माना जाता है.

शास्त्र के अनुसार नारियल को त्रिदेव का प्रतीक माना जाता है. साथ ही पूजा में नारियल रखने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. वास्तु शास्त्र में भी नारियल को महत्व दिया गया है. कहते है कि नारियल का पानी छिड़कने से नकारात्मक उर्जा दूर हो जाती है. इसके अलावा घर का वास्तुदोष भी दूर होता है.

किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले नारियल फोड़ा जाता है. माना जाता है कि नारियल के बाहरी हिस्से को घमंड का प्रतीक माना जाता है और अंदर के हिस्से को पवित्रता और शांति का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा नारियल तोड़ने से किसी तरह की परेशानी नहीं आती है, बल्कि सफलता और बरकत मिलती है.

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु पृथ्वी पर अवतरित होते समय मां लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष और कामधेनु को अपने साथ लाएं थे. नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है. इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. इसलिए पूजा- पाठ में नारियल का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है.

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