बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों का धरना-प्रदर्शन जारी, नहीं जमी सरकार से बातचीत

नई दिल्ली। शीर्ष भारतीय पहलवानों की केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ गुरुवार रात हुई बैठक बेनतीजा रहने के बाद मामला और बिगड़ता जा रहा है। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों का धरना- प्रदर्शन जारी है। भारतीय कुश्ती महासंघ के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए मुक्केबाज विजेंदर सिंह। उन्होंने कहा- ”मैं आज यहां पहलवानों से मिलने आया हूं।”

19 जनवरी को विनेश फोगाट के आह्वान पर सर्वजातीय सर्व खाप पंचायत हुई थी। इसमें तय किया गया कि अगर पहलवानों की मांगे न मानी गईं, तो दो दिन में खाप पंचायतें धरने में शामिल हो सकती हैं। वहीं, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को गुरुवार रात अपने सरकारी आवास पर डिनर पर बुलाकर चर्चा की। इस बीच बृजभूषण शरण सिंह आज गोंडा में मीडिया से चर्चा करके अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दे सकते हैं।

पहलवान चाहते हैं कि अध्यक्ष बृजभूषण को हटाया जाए और फेडरेशन को भंग किया जाए। दिल्ली के जंतर-मंतर पर 200 से ज्यादा खिलाड़ी 18 जनवरी से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने महासंघ को तुरंत भंग करने की मांग से इनकार करने के बाद यह मामला और गर्म है।भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों का धरना- प्रदर्शन जारी है।

गुरुवार को खेल मंत्रालय ने पीड़ित खिलाड़ियों को बातचीत के लिए बुलाया था। यह बातचीत करीब एक घंटे तक चली लेकिन बातचीत बेनतीजा रही। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध के दूसरे दिन गुरुवार को रात करीब 10 बजे मैराथन बैठक शुरू हुई। ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, रवि दहिया, साक्षी मलिक और विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगट बैठक का हिस्सा थे।

सरकारी अधिकारियों और प्रदर्शनकारी पहलवानों के बीच पूर्व में हुई बैठक बेनतीजा रहने के बाद ठाकुर हिमाचल प्रदेश से दिल्ली के लिए रवाना हुए। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक पहलवान शुक्रवार को फिर से खेल मंत्री से मिलेंगे।

मंत्रालय बृजभूषण शरण सिंह को तब तक इस्तीफा देने के लिए मजबूर नहीं कर सकता जब तक कि उसे डब्ल्यूएफआई से लिखित जवाब नहीं मिल जाता, क्योंकि सरकार ने खुद कुश्ती निकाय से स्पष्टीकरण मांगा है। हालांकि WFI ने अभी तक खेल मंत्रालय को जवाब नहीं दिया है, जिसने बुधवार को कुश्ती निकाय को कई महिला एथलीटों के यौन उत्पीड़न और उसके अध्यक्ष द्वारा डराने-धमकाने के आरोपों का जवाब देने के लिए 72 घंटे का समय दिया।

सूत्रों के मुताबिक सरकार चाहती है कि पहलवान अपना विरोध खत्म करें, लेकिन एथलीट इस बात पर अड़े हैं कि पहले डब्ल्यूएफआई को भंग किया जाए।

पहलवानों के एक करीबी सूत्र ने ने कहा, “सरकार अन्य मुद्दों को बाद में सुलझा सकती है। हम इसके साथ ठीक हैं, लेकिन उसे पहले डब्ल्यूएफआई को भंग करना चाहिए।”

बजरंग, विनेश, अंशु मलिक, साक्षी और उनके पति सत्यव्रत कादियान सहित पहलवानों की एक टीम ने गुरुवार को सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की और खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी और भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान के साथ अपने मुद्दों पर चर्चा की।

घंटे भर चली बैठक के दौरान पहलवानों से अपना धरना खत्म करने को कहा गया और आश्वासन दिया गया कि उनकी शिकायतों का समाधान किया जाएगा। गतिरोध तोड़ने के लिए पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगट भी बैठक का हिस्सा थीं।

 

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